भागलपुर: आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए मंगलवार को ट्रेन संख्या 13333 अप (दुमका-पटना एक्सप्रेस) के एसी कोच से 30 बोतल विदेशी शराब बरामद की है। इस मामले में मुंगेर जिले के असरगंज थाना क्षेत्र निवासी मनीष कुमार को गिरफ्तार किया गया है। आरपीएफ ने उसे गिरफ्तार कर आवश्यक कानूनी प्रक्रिया के बाद जेल भेज दिया है। यह कार्रवाई गुप्त सूचना के आधार पर की गई, जिससे एक बार फिर से यह स्पष्ट हो गया कि रेलवे के माध्यम से नशे के अवैध व्यापार का सिलसिला अब भी जारी है।

आरपीएफ इंस्पेक्टर अमित कुमार गिरी ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति विदेशी शराब की तस्करी कर ट्रेन से भागलपुर की ओर आ रहा है। सूचना मिलते ही आरपीएफ की टीम सतर्क हो गई और ट्रेन के आगमन के समय पहले से ही तैनात थी। जैसे ही ट्रेन स्टेशन पर पहुंची, जांच अभियान चलाया गया। ट्रेन के बी5 कोच में एक व्यक्ति पिट्टू बैग और हैंड बैग के साथ संदिग्ध स्थिति में वाशरूम के पास खड़ा मिला।

उसकी गतिविधियां असामान्य लगने पर एस्कॉर्ट पार्टी ने उसे तुरंत हिरासत में ले लिया। पूछताछ के दौरान उस व्यक्ति ने अपना नाम मनीष कुमार बताया और स्वीकार किया कि वह शराब लेकर जा रहा था। जब उसके बैग की तलाशी ली गई, तो उसमें कुल 30 बोतल विदेशी शराब बरामद की गई। इसके बाद उसे ट्रेन से नीचे उतारकर आरपीएफ पोस्ट लाया गया, जहां उससे पूछताछ की गई।

प्रारंभिक पूछताछ में मनीष ने बताया कि वह शराब को निजी उपयोग के लिए नहीं, बल्कि आगे बेचने के उद्देश्य से ले जा रहा था। उसने यह भी बताया कि यह शराब उसने झारखंड की सीमा से प्राप्त की थी और उसे भागलपुर होते हुए अन्य जिलों में सप्लाई करनी थी। हालांकि, आरपीएफ इस मामले की जांच में जुट गई है कि इसके पीछे कोई संगठित गिरोह तो नहीं है।

आरपीएफ ने आरोपी के खिलाफ आवश्यक धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। आगे की पूछताछ और जांच के लिए स्थानीय पुलिस को भी इस मामले की सूचना दी गई है। आरपीएफ अधिकारी अमित कुमार गिरी ने बताया कि रेलवे परिसरों और ट्रेनों में अवैध वस्तुओं की तस्करी पर लगाम लगाने के लिए नियमित रूप से जांच अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इस तरह की अवैध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस घटना के बाद रेल यात्रियों के बीच चर्चा है कि अब भी ट्रेनों का उपयोग अवैध कारोबार के लिए किया जा रहा है, जिससे सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ गई है। हालांकि, आरपीएफ की तत्परता से यह तस्करी विफल हो सकी, जो एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।

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