भागलपुर जिले के सबौर प्रखंड अंतर्गत परघड़ी पंचायत के अलीनगर गांव के वार्ड संख्या पांच में गुरुवार को जिला प्रशासन के निर्देश पर एक बड़ा अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। इस अभियान का नेतृत्व सबौर अंचलाधिकारी श्री सौरभ कुमार ने किया। इस दौरान राजस्व विभाग, स्थानीय प्रशासन, और पुलिस बल के अधिकारी मौके पर उपस्थित रहे। अलीनगर का यह क्षेत्र लंबे समय से अतिक्रमण की समस्या से जूझ रहा था, जिससे आमजन को आवागमन में परेशानी हो रही थी और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में बाधाएं उत्पन्न हो रही थीं।

**पृष्ठभूमि और शिकायतें**

पिछले कई महीनों से अलीनगर के वार्ड संख्या पांच में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे की शिकायतें मिल रही थीं। ग्रामीणों द्वारा बार-बार अंचल कार्यालय में शिकायतें दर्ज कराई जा रही थीं, जिसमें बताया गया था कि सार्वजनिक रास्तों, नदी किनारे की भूमि, और सामुदायिक उपयोग की जमीन पर निजी लोगों द्वारा अवैध निर्माण कर लिया गया है। इससे न केवल ग्रामीणों को दैनिक आवागमन में कठिनाई हो रही थी, बल्कि सामुदायिक आयोजन और विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे थे।

**अंचलाधिकारी की सक्रियता**

सबौर अंचलाधिकारी श्री सौरभ कुमार, जो हाल के दिनों में अपनी सक्रियता और सख्त प्रशासनिक शैली के लिए चर्चा में हैं, ने इन शिकायतों को गंभीरता से लिया। उन्होंने तत्काल एक जांच दल गठित कर अलीनगर का स्थल निरीक्षण कराया। जांच के दौरान पाया गया कि लगभग एक एकड़ से अधिक भूमि पर अवैध रूप से मकान, दुकानें और अन्य अस्थायी ढांचे बनाए गए हैं। इनमें से कई निर्माण वर्षों पुराने थे, जबकि कुछ हाल ही में खड़े किए गए थे।

**प्रशासनिक तैयारी**

अभियान की शुरुआत से पहले प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों को कानूनी प्रक्रिया के तहत नोटिस जारी किए। उन्हें सात दिनों की मोहलत दी गई थी कि वे स्वयं ही अतिक्रमण हटाकर जमीन को खाली करें। हालांकि, अधिकांश लोगों ने इन नोटिसों को नजरअंदाज कर दिया और अतिक्रमण हटाने से इंकार कर दिया। इसके बाद अंचलाधिकारी ने कठोर कार्रवाई करने का निर्णय लिया।

**अभियान की शुरुआत और कार्रवाई**

निर्धारित तिथि पर प्रशासनिक अमला, जिसमें राजस्व कर्मी, पुलिस बल, सफाईकर्मी, और बुलडोज़र शामिल थे, अलीनगर गांव पहुंचा। अंचलाधिकारी स्वयं मौके पर मौजूद रहे और पूरे अभियान की निगरानी की। एक-एक कर सभी अवैध निर्माणों को हटाया गया। कई लोगों ने अंतिम समय में खुद ही अपनी झोपड़ियाँ और दुकानें हटानी शुरू कर दीं, जबकि कई स्थानों पर बुलडोज़र की मदद से ढाँचों को ध्वस्त किया गया।

**जनता की प्रतिक्रिया**

स्थानीय ग्रामीणों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया और कहा कि यह लंबे समय से प्रतीक्षित कदम था। एक स्थानीय निवासी ने बताया, “हम वर्षों से इस समस्या से जूझ रहे थे। रास्ते संकरे हो गए थे, और सार्वजनिक जमीन पर कब्जा कर लिया गया था। अब जाकर राहत मिली है।”

**प्रशासन की चेतावनी**

अंचलाधिकारी सौरभ कुमार ने बताया कि सरकारी भूमि पर किसी भी प्रकार का अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि भविष्य में भी यदि कहीं अतिक्रमण की शिकायत मिलती है, तो उसी तरह की सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे खुद आगे आकर अवैध निर्माण हटाएं और कानून का पालन करें।

**निष्कर्ष**

अलीनगर में चलाया गया यह अतिक्रमण हटाओ अभियान प्रशासन की दृढ़ इच्छाशक्ति और जनता की समस्याओं के प्रति संवेदनशीलता का प्रमाण है। इससे न केवल अलीनगर को अतिक्रमण से मुक्ति मिली है, बल्कि यह संदेश भी गया है कि अब सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इस कार्रवाई से न केवल आमजन को राहत मिली है, बल्कि यह प्रशासनिक प्रक्रिया के पारदर्शिता और जवाबदेही को भी दर्शाता है।

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