*भागलपुर (नवगछिया):*
भागलपुर जिले के नवगछिया अनुमंडल के गोपालपुर प्रखंड अंतर्गत डिमहा गांव की बेटी मोनिका साह ने खो-खो वर्ल्ड कप चैंपियनशिप में भारतीय टीम को स्वर्ण पदक दिलाकर न सिर्फ बिहार बल्कि पूरे देश का नाम रोशन कर दिया है। दिल्ली में आयोजित इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में भारत की बेटियों ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से खिताब अपने नाम किया। मोनिका की इस अद्भुत उपलब्धि पर नवगछिया पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया।
जैसे ही मोनिका नवगछिया पहुंची, पूरे इलाके में खुशी और गर्व की लहर दौड़ पड़ी। स्थानीय लोग, सामाजिक संगठनों और ताई कमांडो के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी जेम्स फाइटर ने मोनिका का जोरदार स्वागत किया। चारों ओर “मोनिका जिंदाबाद” और “भारत माता की जय” के नारों से माहौल गूंज उठा। फूल-मालाओं और ढोल-नगाड़ों के साथ मोनिका का अभिनंदन किया गया।
**गर्व और प्रेरणा की मिसाल बनीं मोनिका**
खो-खो की दुनिया में भारत का नाम रोशन करने वाली मोनिका ने नवगछिया पहुंचकर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, *”नवगछिया लौटकर बेहद अच्छा लग रहा है। यहां के लोगों का प्यार और सम्मान देखकर दिल भर आया है। मुझे देखकर बच्चे प्रेरित हो रहे हैं और यह देखकर मुझे बेहद खुशी हो रही है कि वे सोच रहे हैं कि अगर मैं विश्व स्तर पर खेल सकती हूं, तो वे भी खेल सकते हैं।”*
मोनिका ने अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने माता-पिता को दिया। उन्होंने कहा, *”मैं एक छोटे से गांव से हूं, जहां सुविधाओं का अभाव है। फिर भी मेरे माता-पिता ने मुझे पूरा समर्थन दिया। कठिनाइयां तो बहुत आईं, लेकिन उन परेशानियों के बावजूद मैं विश्व स्तर तक पहुंच पाई, जो मेरे लिए और मेरे गांव के लिए बहुत बड़ी बात है।”*
**सरकारी योजनाओं का लाभ और समर्थन**
मोनिका ने बिहार सरकार की खिलाड़ियों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की सराहना की। उन्होंने कहा, *”हमारी सरकार, खासकर नीतीश कुमार जी ने खिलाड़ियों के लिए बेहतरीन स्कीम चलाई है—’मेडल लाओ और नौकरी पाओ’। यह किसी भी खिलाड़ी के लिए बहुत बड़ा तोहफा है। मुझे पूरा भरोसा है कि सरकार मुझे एक अच्छी नौकरी देगी, जैसा कि एक अच्छे खिलाड़ी को मिलना चाहिए।”*
**खेल जगत में बिहार की नई पहचान**
मोनिका की इस सफलता ने बिहार को खेल के क्षेत्र में एक नई पहचान दिलाई है। अब तक बिहार पारंपरिक खेलों के लिए अधिक प्रसिद्ध नहीं था, लेकिन मोनिका की जीत ने यह साबित कर दिया कि बिहार के युवा भी खेलों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन कर सकते हैं।
खेल जगत के विशेषज्ञों का मानना है कि मोनिका की यह सफलता क्षेत्र के युवाओं को खेलों में करियर बनाने के लिए प्रेरित करेगी। इससे न केवल बिहार में खेल संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि सरकार भी खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रेरित होगी।
**समाजसेवियों और खेल प्रेमियों ने किया सम्मानित**
मोनिका के स्वागत समारोह में नवगछिया के कई गणमान्य लोग, समाजसेवी और खेल प्रेमी मौजूद थे। ताई कमांडो के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी जेम्स फाइटर ने कहा, *”मोनिका ने यह साबित कर दिया है कि अगर संकल्प और मेहनत सच्ची हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। मोनिका नवगछिया की बेटियों के लिए प्रेरणा हैं।”*
स्थानीय विधायक और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने भी मोनिका को उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए बधाई दी और भरोसा दिलाया कि सरकार उनकी खेल प्रतिभा को और निखारने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी।
**मोनिका की सफलता से युवाओं में बढ़ी उम्मीदें**
मोनिका की इस जीत से नवगछिया और आसपास के युवाओं में खेलों के प्रति नई उम्मीदें जगी हैं। कई युवा अब मोनिका को अपना आदर्श मान रहे हैं और खेल के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
स्थानीय छात्रा रितु कुमारी ने कहा, *”मोनिका दीदी ने हमें दिखा दिया है कि अगर हम ठान लें तो किसी भी क्षेत्र में सफलता पा सकते हैं। अब हमें भी यकीन हो गया है कि हम भी खेलों में नाम कमा सकते हैं।”*
**विश्व स्तर पर भारत का दबदबा**
दिल्ली में आयोजित खो-खो वर्ल्ड कप चैंपियनशिप में भारत की बेटियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए खिताब अपने नाम किया। इस प्रतियोगिता में कई देशों की टीमें शामिल थीं, लेकिन भारतीय टीम ने अपने बेहतरीन खेल कौशल और रणनीति के दम पर स्वर्ण पदक जीतकर देश को गौरवान्वित किया।
मोनिका की भूमिका इस जीत में अहम रही। उन्होंने अपनी तेजी, चुस्ती और खेल के प्रति समर्पण से टीम को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी इस जीत ने यह संदेश दिया कि भारत की बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं।
**कठिनाइयों के बावजूद हासिल की सफलता**
मोनिका ने अपने जीवन में आई कठिनाइयों और चुनौतियों के बारे में भी बात की। उन्होंने बताया कि कैसे गांव में खेल सुविधाओं की कमी के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और कड़ी मेहनत के दम पर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचीं।
*”सुविधाओं का अभाव था, लेकिन मेरे हौसले में कभी कमी नहीं आई। जब दिल में कुछ करने का जज्बा हो, तो परिस्थितियां भी रास्ता देने लगती हैं,”* मोनिका ने कहा।
**भविष्य की तैयारियों में जुटीं मोनिका**
मोनिका अब आने वाले खेल टूर्नामेंट्स के लिए तैयारी में जुट गई हैं। उन्होंने कहा कि उनका अगला लक्ष्य एशियाई और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खो-खो में भारत को और भी बड़ी उपलब्धि दिलाना है।
*”मैं यहीं रुकने वाली नहीं हूं। मेरी कोशिश है कि भारत के लिए और भी बड़े पदक जीतूं और देश का नाम रोशन करूं। मेरे गांव और बिहार के युवाओं को दिखाना चाहती हूं कि अगर मेहनत और लगन हो, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं,”* मोनिका ने अपने भविष्य की योजनाओं के बारे में कहा।
**निष्कर्ष:**
मोनिका साह की यह जीत सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि नवगछिया, बिहार और पूरे देश के लिए गौरव का क्षण है। उनकी सफलता ने साबित कर दिया है कि अगर सपनों को सच करने का जज्बा हो, तो कठिनाइयां भी रास्ता नहीं रोक सकतीं। मोनिका की कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो खेलों में करियर बनाना चाहते हैं।
सरकार की ओर से खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने की जो पहल की जा रही है, मोनिका की सफलता उस दिशा में एक सकारात्मक संकेत है। उम्मीद है कि मोनिका की इस ऐतिहासिक जीत से बिहार में खेल संस्कृति को और मजबूती मिलेगी और आने वाले वर्षों में यहां से और भी खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन करेंगे।
