भागलपुर शहर के मायागंज रोड में गिरजा मुक्तेश्वर कालनी में इस्कान मंदिर का निर्माण आरंभ कर दिया गया है। मंदिर 10 कट्ठे में तकरीबन 10 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा। शहर के नवनिर्मित इस्कान मंदिर में मथुरा वृंदावन के इस्कान मंदिर की झलक दिखेगी। आने वाले समय में यह मंदिर जहां आस्था का केंद्र होगा वहीं पर्यटकों को लुभाएगा।

अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कान) के प्रतिनिधि इश्वरनाथ दास ने बताया कि मंदिर निर्माण का काम आरंभ हो गया है। अभी आरंभिक दौर है। कुछ वर्ष में ही यहां भव्य मंदिर बन कर तैयार हो जाएगा। अनुमानित खर्च 10 करोड़ होगा। जगह थोड़ा कम है। मात्र 10 कट्ठा कट्ठा जमीन है। उसके बावजूद भी वृंदावन की इस्कान मंदिर का अक्स यहां दिखेगा। मंदिर भागलपुर शहर की भव्यता बढ़ाएगा।

संघ का मूल काम सनातन धर्म का प्रसार करना

बताया गया कि उक्त वैष्णव समप्रदाय से जुड़ा संघ का मूल काम भागवत गीता का प्रचार, हरिनाम, कृष्णनाम, रामनाम जप, देश में मंदिरों का निर्माण करना है। संस्था के हेड देवकीनंदन जी महाराज हैं जो मूल रूप से बिहार के निवासी हैं। 1976 से ही इस संस्था के जुड़ कर गीता के व्यवहारिक ज्ञान का प्रसार करते हैं। भगवान कृष्ण के ज्ञानवर्धक अर्जुन से संवाद का औचित्य लोगों को बताते हैं और उसे जीवन में उतारने के लिए प्रेरित करते हैं।

गौशाला में किया प्रवचन

श्रद्धेय देवकीनंदन प्रभुजी प्रवचन करते हुए कहा श्रीमछ्वागवत गीता विश्वभर में भारत के आध्यात्मिक ज्ञान के मणि के रूप में विख्यात है। गीता के सारयुक्त सात सौ श्लोक आत्म साक्षात्कार के विज्ञान के मार्गदर्शक का अचूक कार्य करता है। मनुष्य के स्वभाव, उसके परिवेश और अंततोगत्वा भगवान कृष्ण के साथ उसके संबंध को उद्घाटित करने में अन्य कोई ग्रंथ नहीं है।

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यह गंथ आगामी दीर्घकाल तक मनुष्य के बौद्धिक और नैतिक जीवन में महत्वपूर्ण स्थान बनाये रखेगा। स्वामी जी ने दिल्ली और कानपुर से श्रीमछ्वागवत कथा वाचन करते हुए मंगलवार को गौशाला भागलपुर में गीता सार का प्रवचन दिया।

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