पटना हाई कोर्ट में पीए की नौकरी के नाम पर ठगी करने का मामला सामने आया है. हाई कोर्ट के रजिस्‍ट्रार का फर्जी हस्‍ताक्षर कर मुंगेर की एक छात्रा को नियुक्ति पत्र भेज दिया गया. छानबीन में मामला उजागर होने के बाद मामला दर्ज किया गया है.

पटना. हाई कोर्ट में नौकरी के नाम पर ठगी करने का एक बड़ा मामला सामने आया है. जालसाजों ने पटना हाई कोर्ट में पीए की नौकरी के नाम पर मुंगेर की एक छात्रा से ठगी की है. मामला उजागर होने के बाद प्रशासन भी हैरान है. जालसाजों ने छात्रा को पटना हाई कोर्ट के रजिस्‍ट्रार के फर्जी हस्‍ताक्षर के साथ नियुक्ति पत्र भेज दिया. अब इस बाबत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की गई है. बता दें कि सरकारी नौकरी देने के नाम पर जालसाजों ने एक बड़ा नेटवर्क बना लिया है. इसके जरिये युवाओं को लगातार झांसा दिया जा रहा है. इस बार पटना हाई कोर्ट में नौकरी दिलाने के नाम पर ही फर्जीवाड़ा किया गया है.

पटना हाईकोर्ट में नौकरी के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. पीए की बहाली के नाम पर मुंगेर की युवती से ठगी की गई है. नौकरी के लिए ठगी करने वाले जलसाजों ने पटना में एक बड़ा कारनामा कर दिखाया है. दरअसल, पटना हाईकोर्ट में पीए की बहाली के लिए कोई वैकेंसी नहीं निकली है. इसके बावजूद जालसाजों ने एक छात्रा को नियुक्ति पत्र भेज दिया. इसका खुलासा उस समय हुआ जब मुंगेर के सुंदरपुर की रहने वाली छात्रा दीक्षा कुमारी ने उस फर्जी नियुक्ति पत्र को पटना हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को स्पीड पोस्‍ट से भेज दिया. स्पीड पोस्‍ट आने के बाद वहां इस बात की चर्चा होने लगी कि जब कोई वैकेंसी ही नहीं निकाली गई थी तो नियुक्ति पत्र कैसे मिल गया.

इस बाबत पटना हाई कोर्ट के डिप्टी रजिस्ट्रार जयकुमार सिंह के लिखित बयान पर कोतवाली थाना में केस दर्ज किया गया है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि केस दर्ज कर लिया गया है और मामले की व्यापक छानबीन की जा रही है. पटना पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों ने जानकारी दी है कि पुलिस उस छात्रा को नोटिस देकर बुलाएगी और उनसे सारी जानकारी लेने के बाद आगे की कार्रवाई करेगी. दर्ज केस में कहा गया है कि पीए के लिए जो नियुक्ति पत्र स्पीड पोस्‍ट से मिला है, उसमें हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल का फर्जी हस्‍ताक्षर है.

दर्ज केस में हाईकोर्ट के डिप्टी रजिस्ट्रार जयकुमार ने दीक्षा की मेडिकल एग्जामिनेशन रिपोर्ट तथा आचरण प्रमाण पत्र भी दिया है. मेडिकल रिपोर्ट मुंगेर के सिविल सर्जन कार्यालय से निर्गत किया गया है, जबकि आचरण प्रमाणपत्र मुंगेर एसपी के दफ्तर से बना है. यह पहला मौका नहीं है जब हाई कोर्ट के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया है. इसके पहले भी हाई कोर्ट में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया है, जिसका केस कोतवाली थाने में दर्ज है.

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