राज्य सरकार अगले वर्ष बाढ़ से सुरक्षा की तैयारियों में जुट गई है। जल संसाधन विभाग ने मुख्य अभियंताओं को कटाव निरोधक योजना 2024 के लिए तटबंधों के संवेदनशील स्थलों की पहचान कर सूची बनाने को कहा है।

इसके बाद इन्हें दुरुस्त किया जाएगा। उधर, विभाग ने संबंधित अभियंताओं व अधिकारियों से कहा कि प्रभावित स्थलों की ड्रोन वीडियोग्राफी कराएं ताकि इसे मुख्यालय भेजा जा सके।

मुख्यालय में उच्चस्तरीय बैठक में इन योजनाओं पर विमर्श होगा और फिर बाढ़ निरोधक कार्यों से संबंधित कमेटी उन्हें मंजूरी देगी।

दरअसल, इस वर्ष तटबंधों पर कई स्थलों पर भारी दबाव बना।

लेकिन, युद्धस्तर पर कटाव निरोधक कार्य कराकर उन्हें सुरक्षित रखा गया।

कई स्थानों पर कटाव हुआ पर उन्हें भी टूटने नहीं दिया गया। यही नहीं, संभावित संवेदनशील स्थलों की भी पहचान करनी है, जो भविष्य में खतरनाक हो सकते हैं।

तैयारी पहले क्यों

प्रदेश में बाढ़ अवधि में बदलाव किया गया है। इसे 15 जून से 31 अक्टूबर के स्थान पर 1 जून से 31 अक्टूबर कर दिया गया है। इसके कारण 15 मई तक सारी योजनाओं को हर हाल में पूरा करने का भी लक्ष्य है।

297 संवेदनशील स्थलों की पहचान की गई है

राज्य सरकार ने वर्ष 2022-23 में प्रदेश में बाढ़ लाने वाले 297 संवेदनशील स्थलों की पहचान की थी। इनके अलावा नेपाल में भी 23 संवेदनशील स्थलों को चिह्नित किया गया था।

ये स्थल विभिन्न नदियों के तटबंध हैं, जो सूबे में तबाही मचा सकती थी। इन स्थलों को फूलप्रूफ बनाने पर 1120 करोड़ रुपए की योजना मंजूर की गयी थी।

इसके पहले पिछले वर्ष 334 संवेदनशील स्थानों की पहचान की गयी थी। इसके लिए 914 करोड़ की योजना स्वीकृत की गयी थी।

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