सरकार ने सुशासन के कार्यक्रम के अंतर्गत आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय-2 कार्यक्रम के तहत स्वच्छ गांव-समृद्ध गांव का संकल्प लिया है। इसे पूरा करने के लिए लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान चरण-2 में 15वें वित्त आयोग की राशि का उपयोग करने की योजना है।  अब तक लगभग सभी वार्डों में पक्की गली-नाली का निर्माण हो चुका है। हालांकि, अब भी कुछ छूटे हुए बसाहटों को पक्की गली-नाली से जोड़ने की कार्रवाई जारी है। 

अब पंचायती राज विभाग ने सॉलिड एंड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत स्वच्छ भारत मिशन और 15वें वित्त आयोग से मिलने वाले अनुदान की राशि से सभी 1.10 लाख वार्डों में साफ़ सफाई सुनिश्चित करने के लिये सफाई कर्मियों की तैनाती पर काम शुरू कर दिया है। इससे शहरी निकायों की तरह गांवों की गलियां भी साफ रखी जा सकेंगी।

दरअसल, पंचायती राज विभाग के मार्गदर्शन में ही गांव के पंचायतों में वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के माध्यम से हर पक्की गली नाली पक्की करण योजना और ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना का क्रियान्वयन किया गया है। उसी समिति के माध्यम से सफाई कर्मियों की तैनाती भी किया जाने की संभावना है।

गांवों के 7 हर वार्ड में सफाई सुनिश्चित करने के लिए 1.10 लाख सफाई कर्मियों की तैनाती होगी। गांवों में हर गली पक्की करण योजना के क्रियान्वयन के बाद अब सरकार ने उन गलियों की सफाई करने के लिये कर्मियों की तैनाती करने की योजना पर काम शुरु. कर दिया है। पंचायती राज विभाग और ग्रामीण विकास विभाग के तहत गांवों में चलाए जा रहे लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत इस योजना के संचालन की कार्ययोजना बनाई गई है। हर वार्ड में एक-एक सफाई कर्मी रखने के लिए सभी जिलों को दिशा-निर्देश देने का प्रस्ताव बनाया जा रहा है।

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