पूर्व केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री तथा बक्सर के पूर्व सांसद श्री अश्विनी कुमार चौबे ने गोकुल जलाशय एवं चम्पारण जलाशय को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर *रामसर साइट* घोषित किए जाने पर क्षेत्र की जनता को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ दीं।
### गर्व और संतोष का क्षण
श्री चौबे ने कहा—
“यह क्षण मेरे लिए अपार गर्व और भावनात्मक संतोष का है। जब मैं केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री था, तभी मैंने गोकुल जलाशय को *Ramsar Convention* में शामिल कराने की पहल की थी। इसके लिए राज्य सरकार से प्रस्ताव मंगवाकर मंत्रालय को भेजा गया। साथ ही वर्ष 2023-24 में लगभग ₹62 करोड़ (₹6152.8 लाख) की *Integrated Management Plan (IMP)* को भी स्वीकृति दिलाई गई। यह मेरे संसदीय कार्यकाल की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है।”
### ₹62 करोड़ की *Integrated Management Plan*
गोकुल जलाशय के संरक्षण और विकास हेतु स्वीकृत योजना में निम्नलिखित प्रावधान किए गए थे—
* **Institution & Governance** – ₹1329.8 लाख
* **Land & Water Management** – ₹1051 लाख
* **Conservation of Species & Habitat** – ₹1860 लाख
* **Livelihood Promotion** – ₹1912 लाख
**कुल राशि – ₹6152.8 लाख**
इस योजना का उद्देश्य गोकुल जलाशय की *Ecological Restoration*, *Biodiversity Conservation*, जल प्रबंधन और स्थानीय लोगों की आजीविका में सुधार करना है।
### रामसर साइट का महत्व
श्री चौबे ने कहा कि गोकुल जलाशय को रामसर साइट का दर्जा मिलने से—
* जैव विविधता को अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिलेगी,
* पर्यावरणीय संतुलन और जल संरक्षण को मजबूती मिलेगी,
* पर्यटन और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे,
* तथा बक्सर और आसपास के क्षेत्रों का *सतत विकास* संभव होगा।
### प्रधानमंत्री का आभार
श्री चौबे ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के उस संदेश का स्वागत किया जिसमें उन्होंने बिहार और बक्सर की जनता को बधाई दी। उन्होंने कहा—
“प्रधानमंत्री जी का आशीर्वाद और मार्गदर्शन ही इस ऐतिहासिक उपलब्धि का प्रमुख आधार है। इससे बक्सर के लोगों का आत्मविश्वास और गर्व और अधिक सशक्त हुआ है।”
### जनता से वादा
अंत में श्री चौबे ने कहा—
“अपने संसदीय कार्यकाल में मैंने बक्सर की पर्यावरणीय, सांस्कृतिक और विकासात्मक पहचान को मजबूत करने का सतत प्रयास किया है। गोकुल जलाशय का यह अंतर्राष्ट्रीय दर्जा न केवल बक्सर बल्कि पूरे बिहार की प्रतिष्ठा को ऊँचाई देगा। भविष्य में भी मैं क्षेत्र के पर्यावरण संरक्षण, जैव विविधता, आजीविका और विकास कार्यों के लिए निरंतर प्रयासरत रहूँगा।”
