नवगछिया: इस्माईलपुर-बिंद टोली तटबंध पर चल रहे कटावनिरोधी कार्यों की गुणवत्ता और प्रगति की जांच के लिए जल संसाधन विभाग की विजिलेंस टीम ने स्थल निरीक्षण किया। यह कार्य नवगछिया बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल कार्यालय के अधीन लगभग 55 करोड़ रुपये की लागत से कराया जा रहा है।

गुरुवार को जल संसाधन विभाग की दो सदस्यीय टीम ने इस महत्वपूर्ण तटबंध क्षेत्र का दौरा किया। टीम ने विशेष रूप से स्पर संख्या सात और आठ के बीच चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया, जहां गंगा नदी के तेज कटाव की आशंका बनी रहती है। टीम ने कट प्वाइंट पर हो रहे कार्यों को गंभीरता से देखा और मौके पर मौजूद अभियंताओं से कार्य की तकनीकी जानकारी प्राप्त की।
विजिलेंस टीम ने एनसी (नॉर्मल कॉम्पैक्शन), बोल्डर क्रेटिंग और सीट पाइलिंग जैसे प्रमुख कटावनिरोधी तकनीकों के बारे में जानकारी ली। टीम के सदस्यों ने कार्य की गुणवत्ता, सामग्री की उपलब्धता, प्रयोगशाला परीक्षण और समयबद्धता की भी समीक्षा की। उन्होंने कार्यस्थल पर मौजूद अभियंताओं से यह भी पूछा कि कार्य निर्धारित मापदंडों के अनुसार किया जा रहा है या नहीं।
इस मौके पर नवगछिया बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल कार्यालय के कार्यपालक अभियंता ई. गौतम कुमार, सहायक अभियंता ई. अमितेश कुमार, तथा कनीय अभियंता भी उपस्थित थे। कार्यपालक अभियंता ई. गौतम कुमार ने टीम को बताया कि कटावनिरोधी कार्य पूर्ण पारदर्शिता और मानकों के अनुरूप कराया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कार्य में प्रयुक्त सामग्रियों की नियमित जांच और सत्यापन कराया जा रहा है ताकि किसी प्रकार की तकनीकी त्रुटि की संभावना न रहे।
विजिलेंस टीम ने कार्य की गति और गुणवत्ता पर संतोष व्यक्त किया लेकिन कुछ स्थानों पर सुधार की आवश्यकता भी बताई। टीम ने कार्य की निगरानी में और पारदर्शिता लाने के लिए समय-समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने और स्थल निरीक्षण को नियमित बनाए रखने का सुझाव दिया।
इस्माईलपुर-बिंद टोली तटबंध पर हो रहे कार्य नवगछिया क्षेत्र के लाखों लोगों के लिए राहत का माध्यम बन सकते हैं, जो हर वर्ष गंगा के विकराल रूप से प्रभावित होते रहे हैं। ऐसे में इस कार्य की निगरानी और पारदर्शिता बेहद आवश्यक है, ताकि सरकारी धन का सदुपयोग हो और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
विजिलेंस टीम के निरीक्षण के बाद क्षेत्रीय लोगों में भी यह विश्वास जगा है कि इस बार कटाव के खिलाफ ठोस इंतजाम हो रहा है। स्थानीय लोगों ने भी तटबंध कार्यों में गुणवत्ता बनाये रखने की मांग की है ताकि यह परियोजना लंबे समय तक प्रभावी साबित हो सके।
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