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आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है. बुधवार को लालू यादव ने एक्स पर पोस्ट करके नीतीश कुमार की नीतियों पर सवाल उठाए.

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बताएं कि एनडीए सरकार के 10 वर्षों में बिहार को क्या हासिल हुआ? उन्होंने दावा किया कि उनके नेतृत्व में 2004 से 2009 के बीच 22 सांसदों के दम पर बिहार को एक लाख 44 हजार करोड़ की सहायता राशि मिली थी.

इसके मुकाबले नीतीश कुमार ने 2014 में 31, 2019 में 39 और 2024 में 30 सांसद जीतकर भी दिल्ली में अपनी मांगों के लिए गिड़गिड़ाना पड़ा, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ. लालू ने कहा कि राजधानी (दिल्ली) में हक मांगना नहीं, बल्कि छीनना पड़ता है.

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लालू यादव ने एक्स पर लिखा कि सारण के दरियापुर स्थित रेल व्हील प्लांट में रिकॉर्ड 2 लाख से अधिक रेल पहियों का उत्पादन हो चुका है.

उन्होंने बताया कि इस प्लांट की आधारशिला उन्होंने 29 जुलाई 2008 को रखी थी और इसका निर्माण लगभग 1640 करोड़ रुपये में हुआ था. इस प्लांट के कारण बिहार में बने रेल पहिए भारतीय रेलवे के लिए एक वरदान साबित हुए हैं. अब ये मेड इन बिहार रेल पहिए भारतीय रेलवे की गति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और देश के विकास में योगदान दे रहे हैं. लालू ने कहा कि बेला स्थित रेल व्हील प्लांट ने अब तक 2 लाख से अधिक रेल पहिए बनाए हैं, जिससे भारतीय रेलवे की विदेशी निर्भरता कम हो गई है. उन्होंने खुशी जताई कि उनके द्वारा स्थापित बेला रेल व्हील प्लांट देश को आत्मनिर्भर बनाने में योगदान दे रहा है.

इसके अलावा बता दें कि लालू यादव ने अपने पोस्ट में रेल पहिया प्लांट की जानकारी भी दी. उन्होंने बताया कि इस प्लांट का निर्माण 2004-05 में स्वीकृत हुआ था और जुलाई 2008 में शुरू हुआ था.

यह बिहार में औद्योगीकरण को पुनर्जीवित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था. यह पहला मौका था जब भारतीय रेलवे ने बिना विदेशी सहयोग के एक अत्याधुनिक कारखाना स्थापित किया. यह रेलवे इंजीनियरों की विशेषज्ञता के कारण संभव हुआ और 2008 में इसका उद्घाटन कर सिविल कार्य शुरू किया गया. साथ ही लालू यादव ने नीतीश कुमार पर सीधा हमला करते हुए कहा कि यूपीए-1 में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के कारण उन्होंने 2004 से 2009 के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी के सहयोग से बिहार को एक लाख 44 करोड़ की विशेष आर्थिक सहायता दिलाई थी. यूपीए-1 के समय में केंद्र से मिले सहयोग से बिहार में ग्रामीण सड़कें, पुल-पुलिया, बिजली, रेलवे लाइनें, मनरेगा के तहत रोजगार, रेलवे स्टेशन और सारण और मधेपुरा में रेल कारखानों का जाल बिछाया गया था. लालू ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ने इसी सहायता राशि से अपना चेहरा चमकाया, जबकि उनकी पार्टी ने वास्तविक विकास कार्य किए थे.

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