भागलपुर,वाराणसी से चलकर गंगा नदी के रास्ते गंगा विलास क्रूज उत्तरवाहिनी गंगा के तट पर अजगैबीनाथ धाम सुल्तानगंज पहुंचा। जर्मनी और स्विट्जरलैंड के कुल 31 सैलानियों को गंगा किनारे रचे बसे सांस्कृतिकएंकर – वाराणसी से चलकर गंगा नदी के रास्ते गंगा विलास क्रूज उत्तरवाहिनी गंगा के तट पर अजगैबीनाथ धाम सुल्तानगंज पहुंचा।

जर्मनी और स्विट्जरलैंड के कुल 31 सैलानियों को गंगा किनारे रचे बसे सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक प्रगति को दिखाते हुए एक ईको टूरिज़म की शुरुआत भारत सरकार द्वारा की गई है। भागलपुर के सुल्तानगंज में पहाड़ी पर जहन्नु ऋषि के आश्रम और शिला पर उकेरे और बनाये गए मूर्तियों का अवलोकन करते हुए तमाम विदेशी पर्यटकों का भव्य तरीके से स्वागत किया गया।

स्कूली बच्चे और सामाजिकों ने अपनी शालीनता का परिचय देते हुए सम्मान में कोई कोताही नहीं की। गंगाधाम सुल्तानगंज के उसी गंगा की धारा से बोलबम यात्रा की शुरुआत भी होती है। उसके इतिहास और धार्मिक महत्ता को जानकर भी विदेशी पर्यटक उत्साहित दिखे। धरोहर और सामाजिक प्रगति को दिखाते हुए एक ईको टूरिज़म की शुरुआत भारत सरकार द्वारा की गई है।

भागलपुर के सुल्तानगंज में पहाड़ी पर जहन्नु ऋषि के आश्रम और शिला पर उकेरे और बनाये गए मूर्तियों का अवलोकन करते हुए तमाम विदेशी पर्यटकों का भव्य तरीके से स्वागत किया गया। स्कूली बच्चे और सामाजिकों ने अपनी शालीनता का परिचय देते हुए सम्मान में कोई कोताही नहीं की। गंगाधाम सुल्तानगंज के उसी गंगा की धारा से बोलबम यात्रा की शुरुआत भी होती है। उसके इतिहास और धार्मिक महत्ता को जानकर भी विदेशी पर्यटक उत्साहित दिखे।

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