आज के जमाने में शिक्षा को भी व्यापार ने इस प्रकार जकड़ लिया की अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए पैरेंट्स को मोटी रकम खर्च करनी पड़ती है. ऐसे में गरीब परिवार के बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं. लेकिन उनमें कुछ ऐसे भी बच्चे होते हैं, जो किसी भी कीमत पर अच्छी शिक्षा हासिल कर भविष्य में कुछ बनने का सपना देखते हैं. फिर इसके लिए उन्हें कुछ काम ही क्यों ना करना पड़े.

केरल की बारहवीं की छात्रा विनिशा इसका एक उदाहरण हैं. वो अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए स्कूल के बाद मूंगफली बेचने का कार्य करती हैं. चेरथला में रहने वाली विनिशा के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. उनके पिता एक मजदूर हैं. विनिशा कक्षा बारहवीं की छात्रा हैं. क्लास खत्म के बाद वह मूंगफली भी बेचती हैं. वो शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक मूंगफली का ठेला लगाती हैं. इसके बाद वो पढ़ाई करती हैं.

मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विनिशा की बहन की शादी के लिए परिवार ने कर्जा लिया था. भारी कर्ज में मुब्तेला होने के बाद विनिशा ने मूंगफली बेचने का फैसला किया. बता दें कि विनिशा की मां भी मूंगफली बेचती थीं. लेकिन उनके पैरों में दर्द होने और बीमारी की वजह से विनिशा ने उनकी जगह मूंगफली बेचना शुरू किया. ताकि उनकी पढ़ाई भी न रुके और घर चलाने में पिता की मदद भी कर सकें.

पिता मजदूर हैं, बेटी पढ़ाई जारी रखना चाहती है

विनिशा बताती हैं कि वह पिछले चार सालों से मूंगफली बेच रही हैं. लोग उनका मजाक भी उड़ाते हैं. उन पर फब्तियां भी कसते हैं, लेकिन वो नजरंदाज करती हैं और अपने रास्ते पर आगे बढ़ रही हैं.

बिनिशा जैसे बच्चों को अपना बिहार झारखंड की पूरी टीम दिल से सलाम करती हैं और भगवान से पार्थना करती हैं की इनको तरक्की के मार्ग पर आगे रखे।

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