आईपीएस आदित्य कुमार और जालसाज अभिषेक की दोस्ती नई नहीं है। बेगूसराय के एसपी रहते अभिषेक की जान-पहचान आदित्य से हुई। जोड़ी ऐसी जमी कि गया में तैनाती के दौरान वह अक्सर आदित्य से मिलने अभिषेक जाता था।

पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर डीजीपी से आदित्य कुमार पर दर्ज मुकदमे को रफादफा कराने वाले जालसाज अभिषेक से आदित्य कुमार की मुलाकात किसी और ने नहीं बल्कि एक आईपीएस अफसर ने ही कराई थी। बिहार कैडर के उक्त आईपीएस अफसर के जरिए ही अभिषेक की पहली मुलाकात आदित्य से करीब पांच वर्ष पहले हुई। बाद में दोनों जिगरी दोस्त बन गए।

आईपीएस आदित्य कुमार और जालसाज अभिषेक की दोस्ती नई नहीं है। बेगूसराय के एसपी रहते अभिषेक की जान-पहचान आदित्य से हुई। इन पांच वर्षों में दोनों की जोड़ी कुछ ऐसी जमी कि गया में तैनाती के दौरान वह अक्सर आदित्य के पास गया जाता था। आदित्य का समय खराब हुआ तो उसने अपनी जालसाजी के हुनर का इस्तेमाल कर काफी हद तक राहत भी दिला दी। पर मामला आईएएस अफसर को फोन करने पर फंस गया और दोनों कानून की गिरफ्त में आ गए।

सूत्रों के मुताबिक आदित्य कुमार से मिलने अभिषेक अक्सर पुलिस मुख्यालय स्थित उनके कार्यालय जाता था। मुलाकात के बाद कई दफे दोनों साथ निकलते। यहां आला अधिकारियों को भरमाने की भी पूरी कोशिश की गई। जब भी अभिषेक के साथ आदित्य कुमार सरदार पटेल भवन से बाहर जाते तो अपनी गाड़ी का इस्तेमाल नहीं करते। सरकारी वाहन की जगह अभिषेक की गाड़ी से जाते थे।

वारंट जारी करने का नहीं हो सका अनुरोध

अंडरग्राउंड हो गए आईपीएस आदित्य कुमार का अबतक कोई सुराग नहीं मिला है। EOU उनके खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी करने का अनुरोध अदालत से करनेवाली है। गुरुवार को कुछ कारणों से यह संभव नहीं हो पाया। केस के आईओ अदालत भी गए थे। माना जा रहा है कि शुक्रवार को वारंट जारी करने का अनुरोध किया जाएगा।

जेल गया अभिषेक

गुरुवार को जालसाज अभिषेक अग्रवाल को वापस जेल भेज दिया गया। दो दिनों के रिमांड पर मंगलवार को उसे पूछताछ के लिए लाया गया था। 48 घंटे की रिमांड अवधि पूरी होने के बाद न्यायिक प्रक्रिया के तहत उसे वापस जेल भेज दिया गया। पता चला कि अभिषेक ने रिमांड के दौरान कई अहम जानकारी दी है। उसके आधार पर जांच एजेंसी आगे की कार्रवाई कर रही है।

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