अपनी भैंस को बचाने की कोशिश में लापता हुए बरारी के रहने वाले कारू यादव और सिकंदर यादव को दूसरे दिन भी पता नहीं चल सका। रविवार को मुसहरी घाट में ड्रेजिंग मशीन से भैंस को बचाने की कोशिश में दोनों लापता हो गए थे। सोमवार को भी एसडीआरएफ की टीम ने भागलपुर से कहलगांव तक सर्च ऑपरेशन चलाया। लोकल स्तर पर नाविकों ने भी दोनों को खोजने की पूरी कोशिश की पर किसी को सफलता नहीं मिली। शाम तक नहीं मिलने पर दोनों के परिजन वापस अपने-अपने घर चले गए। मंगलवार को सिकंदर और कारू की खोज में सर्च ऑपरेशन चलाया जाएगा। उधर डाक विभाग के कर्मी का भी सर्च ऑपरेशन चलाने के बावजूद पता नहीं चल सका।
एक बेटी शादी के लिए बची थी, कारू को खोज रहा परिवार
भैंस को बचाने में लापता हुए कारू यादव की पांच बेटियां हैं, बेटा नहीं है। चार बेटियों की तो उन्होंने शादी कर ली थी जबकि सबसे छोटी वाली कुंवारी है। कारू के लापता होने के बाद उनकी पत्नी उषा, पांचों बेटियां और चार दामाद लगातार मुसहरी घाट पर डटे हुए हैं। इस इंतजार में कि कारू को खोज निकाला जाएगा। सिकंदर के भी दोनों बेटे पिता की खोज में सोमवार को दिन भर घाट पर रहे। आस-पास के लोगों का कहना था कि ऐसी घटना कभी नहीं हुई थी।
तीनटंगा में दिखी भैंस
लापता हुए दोनों लोगों के साथ ही भैंस की भी तलाश में पशु पालक सोमवार को इधर-उधर भटकते दिखे। पशु पालक एसडीआरएफ की टीम के साथ कहलगांव तक गए। कुछ पशुपालक तीनटंगा दियारा भी चले गए। सोमवार को मुसहरी घाट पर पहुंचे पशुपालकों ने बताया कि तीनटंगा दियारा में 15 से ज्यादा मृत भैंस देखी गई हैं। उन भैंस को देख और खुद को सांत्वना देकर वे वापस लौट गए।
कितनों के घरों में बंद हो गया दूध जाना
बरारी के मुसहरी घाट में रविवार को हुई घटना ने न सिर्फ पशु पालकों को नुकसान पहुंचाया बल्कि बरारी और शहर के विभिन्न इलाकों के कई घरों में दूध की समस्या उत्पन्न कर दी। कई दुकानों में मिठाई और चाय बनाने में भी परेशानी उत्पन्न कर दी। बरारी के मायागंज, खंजरपुर, कुप्पा घाट और गरम टोली में रहने वाले पशु पालकों की 50 से ज्यादा भैंस रविवार को लापता हो गई। उन भैंस का दूध आस-पास के कई इलाकों में रहने वाले लोगों के घरों तक पहुंचाया जा रहा था। जब भैंस ही नहीं रही तो अब दूध कहां से पहुंचाया जाएगा। कई दुकानों में भी पशु पालक दूध पहुंचाते थे, वहां भी बंद हो गया है। सोमवार को मुसहरी घाट पर पहुंचे पशु पालकों ने बताया कि घटना कई के तो पूरे बथान को ही खाली कर दिया है।
मेरे ससुर कारू यादव की पांच बेटियां ही हैं। सबसे छोटी की शादी नहीं हुई है। घर में सिर्फ वही एक कमाने वाले थे। घर में मातम का माहौल है। किसी भी अवस्था में वे मिल जाएं, घर वाले यही चाहते हैं।
पवन, कारू यादव का दामाद
भैंस पालकर ही पिता घर चलाते थे। हमलोगों ने भैंस को संभाला तो उनसे कहा कि वे अब बाहर नहीं निकलें पर वे नहीं मानते थे। भैंस को बचाने की अंतिम कोशिश करते हुए पिता लापता हो गए। उनकी खोज जारी है।
प्रवीण, सिकंदर का बेटा