योगापट्टी में बीते दो साल पहले सीएसपी संचालक के अपहरण का मामला सामने आया था। शुक्रवार को इस मामले में नया मोड़ उस वक्त आ गया जब दो साल बाद सीएसपी संचालक साधु के वेश में अचानक घर आ गया। उसने घर से चले जाने की हैरान कर देने की कहानी बताई।
सीएसपी संचालक प्रभुनाथ कुशवाहा ने शुक्रवार को योगापट्टी थाना पहुंच पुलिस को सारी जानकारी दी। पुलिस को जानकारी देने के बाद मामला स्पष्ट हुआ कि कर्ज अधिक होने के कारण वह घर छोड़कर फरार हो गया था। उसने पुलिस को बताया कि अपहरण का मामला झूठा है।
उत्तराखंड जाकर बन गया था पुजारी
प्रभुनाथ कुशवाहा ने पुलिस को बताया कि वह उत्तराखंड के सूर्यघाट स्थित महाकालेश्वर मंदिर में जाकर रहने लगा था। जहां पर पुजारी का काम कर रहा था और वह घर आना नहीं चाहता था, लेकिन एक सप्ताह पहले उसको घर, बीवी और बाल-बच्चों की याद सताने लगी।
बीवी बच्चों की याद आई तो लौट आया
घरवालों की याद आने पर वह घर के लिए निकाला। उसको पता चला कि उसके अपहरण हो जाने की प्राथमिकी योगापट्टी थाना में दर्ज है और वह वहां से चलकर योगापट्टी थाना पहुंचा। जहां उसने पुलिस को सच्चाई बताई। प्रभुनाथ के लौट आने पर लोगों में चर्चा का विषय है। सभी हैरान और खुश भी हैं।
14 दिसंबर 2020 को हो गया था लापता
बता दें कि 14 दिसंबर 2020 को सीएसपी संचालक प्रभुनाथ कुशवाहा की पत्नी अंजू देवी ने योगापट्टी थाने में अपने पति के अपहरण हो जाने की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। वह नवलपुर में सीएसपी संचालन करता था और उसका मोबाइल बंद हैं। अपहरण कर लिया गया है।
इस पर थानाध्यक्ष अमित कुमार ने बताया कि थाने में अपहरण का मामला दर्ज कर लिया था। प्रभुनाथ कुशवाहा के लौट आने के बाद पूछताछ के बाद मामला झूठा निकला है। उसे न्यायालय में बयान कराने के लिए भेजा गया है। न्यायालय आदेश के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।