किसी भी स्कूल में जितने शिक्षक कार्यरत होंगे, उतने वर्गकक्ष वहां अनिवार्य रूप से होंगे।
ताकि सभी शिक्षक अलग-अलग कमरे में एक साथ बच्चों को पढ़ा सकें।
इसे सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिलाधिकारियों को दिया है।
श्री पाठक ने गुरुवार को जिलाधिकारियों को लिखे पत्र में स्पष्ट किया है कि एक लाख दस हजार नए शिक्षकों ने स्कूलों में योगदान किया हैं।
जनवरी 2024 तक एक लाख और शिक्षकों की नियुक्ति होगी। इसको देखते हुए स्कूलों में आधारभूत संरचना के विकास की तुरंत आवश्यकता है।
अतिरिक्त कमरों और प्रीफेब कक्षाओं (स्टील ढांचे का) का निर्माण जल्द कराएं।
सभी डीएम सुनिश्चत करेंगे कि नए शिक्षकों के आने के बाद ऐसी स्थिति नहीं आये कि एक ही कमरे में दो शिक्षक कक्षाएं लेते हुए दिख जाएं। ऐसी स्थिति आ सकती है कि एक स्कूल में कमरे कम हों और शिक्षक अधिक हों।
विशेषकर प्राथमिक व मध्य विद्यालय में यह समस्या आएगी।
इसलिए तुरंत जन प्रतिनिधियों की बैठक बुलाकर किन स्कूलों में क्या काम किया जाएगा, उसको चिह्नित करें।