बिहार के लचर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर आए दिन हंगामे होते रहते हैं लेकिन इस बार छपरा के दरियापुर पीएचसी में लापरवाही की सारी हदें पार कर दी गई. ननद का बंध्याकरण करना था लेकिन भाभी का कर दिया गया. अब जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई है.
बिहार के सारण जिले के छपरा से स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आयी है, जिसने स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं की एक बार फिर से पोल खोल कर रख दी है. मामला दरियापुर प्रखंड का है जहां पर अपनी ननद को लेकर दरियापुर पीएचसी बंध्याकरण कराने आई महिला बबीता देवी का ही बंध्याकरण कर दिया गया. इस बड़ी लापरवाही के बाद हंगामा खड़ा हो गया. महिला के परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए स्वास्थ्य विभाग से पांच लाख रुपये मुआवजा मांगा है.
ननद की जगह भाभी का किया गया बंध्याकरण: घटना के संबंध में बताया जाता है कि दरियापुर थाना क्षेत्र के ठीकहा गांव की रहने वाली बबीता देवी अपनी ननद को साथ लेकर उसका बंध्याकरण कराने स्वास्थ्य केंद्र आई थी. सारी तैयारियां पूरी करने के बाद ननद की जगह भाभी का बंध्याकरण ऑपरेशन कर दिया गया. जब महिला के परिजन अस्पताल पहुंचे तो ननद की जगह उसकी भाभी बबीता देवी को ऑपरेशन टेबल पर लेटा देख हैरत में पड़ गए. महिला के पति राजेश मांझी को इसके बारे में पता चला तो वो भड़क गया और उसने जिलाधिकारी (डीएम) व सिविल सर्जन से शिकायत कर दी.
बोले सिविल सर्जन- ‘महिला कराना चाहती थी बंध्याकरण’: वहीं इस मामले में सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने कहा है कि ऐसा मामला सामने आया है. महिला के पति ने शिकायत की है. शुरुआती इंवेस्टिगेशन में हमें पता चला है कि बबिता देवी खुद बंध्याकरण कराना चाहती थी. बबीता देवी ने बंध्याकरण के फार्म पर दस्तखत भी किया था जो विभाग के पास उपलब्ध है लेकिन परिजनों की सहमति भी लेनी चाहिए थी. इस मामले में इससे संबंधित आशा कार्यकर्ता और स्वास्थ्यकर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है.
“हमें शिकायत मिली है. महिला के पति ने शिकायत की है. जांच में पता चला है कि महिला बबिता देवी खुद बंध्याकरण करवाना चाहती थी. उसने फॉर्म भी साइन किया है लेकिन परिजनों की रजामंदी भी लेनी जरूरी थी. इससे जुड़े स्वास्थ्यकर्मियों और आशा कार्यकर्ता से स्पष्टीकरण मांगा गया है.”- डॉ. सागर दुलाल सिन्हा, सिविल सर्जन
परिजनों ने मांगा 5 लाख मुआवजा: इधर परिजनों ने बताया की महिला के पहले से तीन बच्चे हैं. बबिता देवी बंध्याकरण करवाने की इच्छुक थी. बबीता देवी ने बंध्याकरण के फार्म पर दस्तखत भी किया था जो विभाग के पास उपलब्ध है, लेकिन हमलोगों से सहमति नहीं ली गई और महिला का बंध्याकरण कर दिया गया. इस वजह से उसका पति नाराज है और उसने विभाग से पांच लाख रुपये मुआवजे की मांग की है. फिलहाल पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया गया है.