बिहार की समाजसेवी संस्था दशांश फाउंडेशन के प्रेसिडेंट श्रीद ख़ुशारिया ने भी G20 समिट मे भाग लिया, शहर के लिए गौरव का पल। इस साल भारत ने G20 सम्मेलन की मेज़बानी संभाली, यूँ तो G20 के तले भारत के अलग – अलग शहरों में बीते कुछ महीनों में कई छोटी बड़ी बैठके हो चुकी हैं जिनमें एक बैठक मई के महीने में श्रीनगर कश्मीर में भी सम्पन्न हुई। नई दिल्ली ने G20 की सबसे महत्वपूर्ण लीडर्स समिट की मेजबानी 9 एवं 10 सितंबर को की। इस बैठक में लगभग 30 राष्ट्रों के राष्ट्राध्यक्ष एवं 14 अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के प्रमुखों सहित 25000 से ज्यादा डेलिगेट्स ने भाग लिया। यह बैठक नई दिल्ली प्रगति मैदान में खासतौर से बन कर तैयार भारत मंडपम में आयोजित की गई।
श्रीद खुशारिया बताते हैं कि इस साल का G20 सर्वाधिक सफल साबित हुआ है। जहाँ इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि रूस चीन और पश्चिमी देशों के बीच यूक्रेन को लेकर बढ़ती तल्खी की वजह से शायद ही इस सम्मेलन का एक साझा घोषणा पत्र जारी हो पाए परन्तु भारत की रणनीतिक एवम कूटनीतिज्ञ कुशलता और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने सभी देशों को साथ लेकर चलते हुए पहले दिन के दूसरे सत्र में ही डिक्लेरेशन जारी कर दिया जिसकी हर तरफ तारीफ हो रही है ।
श्रीद ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछली हुई सभी बैठकों से 2 से 6 गुना यानी लगभग 112 नतीजों पर इस बैठक में राय बनी जो अभूतपूर्व है। उनके अनुसार अफ्रीका यूनियन को मोदी जी द्वारा G20 में शामिल करने से भारत ने ना सिर्फ अफ्रीका के देशों को एक आवाज़ दी है बल्कि खुद को भी विकासशील और अविकसित देशों का मार्गदर्शक साबित किया है। श्रीद क्योंकि पर्यावरण में कार्यरत रहते हैं उन्होंने उत्सुकता से जाहिर किया कि भारत ने इस बैठक में जलवायु परिवर्तन और सतत विकास लक्ष्यों के प्रति तत्काल रवैये के समर्थन किया। साथ ही भारत ने इटली, अमेरिका, यूएई और ब्राज़ील जैसे देशों के साथ बीओफ्यूएल अलायन्स की भी घोषणा की जो आगे आने वाले समय में जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करेगा। श्रीद अगला महत्वपूर्ण कदम भारत द्वारा भारत – अरब – यूरोप आर्थिक गलियारे की पेशकश को बताते हैं। इससे अमेरिका, यूरोप से लेकर भारत तक पाकिस्तान को अलग थलग करते हुए अरब के रास्ते व्यापार आसान हो जाएगा जिसमे रेलवे, रोड और जलमार्ग शामिल हैं।
श्रीद की डेलिगेट्स के साथ व्यक्तिगत चर्चा में उन्होंने सारे विदेशियों से भारत को लेकर दुनिया मे उम्मीद देखी। उन्होंने बताया कि अब उनके विदेशी मित्र, सहकर्मी और यहाँ आये डेलिगेट्स को भारत के आधार , यूपीआई सहित भारत की संस्कृति खूब भा रही है। अंत मे उन्होंने G20 को भारत की तरक्की में एक मील का पत्थर माना और कहा कि आने वाली सदी निश्चित रूप से भारतीय ही होगी।