बिहार में रिमांड होम की सच्चाई भला कौन नहीं जानता है।लेकिन इस सच्चाई को अगर कोई पुलिसवाला बयां करे तो  इसकी गंभीरता को समझा जा सकता है। पं. चम्पारण के बेतिया में पुलिस के द्वारा आरोपियों पर कार्रवाई के बदले पीड़िता के घरवालों को रिमांड होम की सच्चाई बताकर धमकाने का ऑडियो वायरल हो रहा है। मामला सामने आने के बाद बेतिया एसपी ने इसे  गंभीरता से लेते हुए आरोपी थानेदार को निलंबित कर दिया है। 

बिहार में रिमांड होम में लड़कियों की सुरक्षा पर सवाल पहले से उठते रहे हैं।लेकिन इसबार जो सवाल उठ रहे हैं वो पूरी तरह से गैर-राजनैतिक हैं। बल्कि इसे एक कानून का रखवाला हीं रिमांड होम की सच्चाई को उजागर कर रहा है।एक थानेदार  द्वारा रिमांड होम में लड़कियों के शारीरिक शोषण की बात को पीड़िता के घरवालों के सामने किया जा रहा है।जिस पुलिस का काम पीड़िता को न्याय दिलाना था  वो खुद हीं पीड़ित  परिवार को धमकी दे रही है।

दरअसल,ये पूरा मामला बैरिया थाने का है।इसी थाना क्षेत्र के सुदामा नगर गांव की एक लड़की को थाने के चौकीदार शम्भू  साह और उसके बेटे पर भागने का आरोप लगा।इस बाबत जब लड़की के परिजन थाने में शिकायत लेकर गए तो उसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

अब लड़की के घरवाले लड़की को अपने साथ नहीं ले जाना चाहते हैं. दूसरी तरफ पुलिस द्वारा जबरन लड़की को उसके घर भेजने के लिए दवाब बनाया जाने लगा. थानाध्यक्ष दुष्यंत कुमार ने पीड़ितों से कहा कि चौकीदार के पुत्र पर आरोप है तो वह चौकीदार का ही पक्ष लेंगे. इस दौरान थानाध्यक्ष ने रिमांड होम की हकीकत बताकर लड़की के घरवावों को डराने का भी प्रयास किया, लेकिन लड़की के परिजन उसे अपने साथ नहीं ले जाना चाहते थे. बताया जाता है कि लड़की के परिजनों ने ही थानाध्यक्ष का ऑडियो रिकॉर्ड कर उसे सोशल मीडिया में वायरल कर दिया।

पीड़ित परिवार के एसपी से मिलने के बाद हीं इस मामले में पीड़ित परिवार से आवेदन लिया गया।और जब,अपहरण के पूरे बारह दिनों के बाद लड़की वापस आई तो थानेदार ने चौकीदार व उसके लड़के को बचाने के लिए पीड़ित परिवार के सामने रिमांड होम में लड़कियों के यौन-शोषण होने की बात करने लगें।पीड़ित परिवार ने थानेदार दुष्यंत सिंह की इस पूरी बात को रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है। इस पूरे मामले में बेतिया एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने जांच के बाद आरोपी थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया है।

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