शिक्षा का अधिकार अधिनियम के मानदंडों को पूरा नहीं करने वाले सूबे के 4915 निजी स्कूलों की मान्यता रद्द की जाएगी। आरटीई के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले इन स्कूलों पर शिक्षा मंत्रालय ने कार्रवाई का आदेश दिया है। साथ ही कार्रवाई के बाद राज्य शिक्षा विभाग को रिपोर्ट सौंपने को कहा है। इनका यू- डायस कोड रद्द होगा।
मंत्रालय की ओर से यू- डायस प्लस 2023-24 की रिपोर्ट से इन स्कूलों की पहचान हुई है। दरअसल, सूबे के 4915 स्कूलों को आरटीई अधिनियम के लागू होने के दिन यू- डायस प्लस पर पंजीकृत होने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई थी। इनको अधिनियम के शुरू होने की तारीख से तीन साल के भीतर मानदंडों को पूरा करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया गया था। इन स्कूलों पर कार्रवाई नहीं हुई और इनका यू- डायस कोर्ड भी रद्द नहीं किया गया।
राज्य के शिक्षा विभाग को कार्रवाई का दिया गया आदेश
स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। सचिव संजय कुमार ने राज्य शिक्षा विभाग को इस संबंध में पत्र लिखा है। आरटीई अधिनियम का उल्लंघन करने के बाद भी यू- डायस प्लस पर पंजीकृत होकर चल रहे इन स्कूलों पर कार्रवाई का आदेश दिया है। पत्र में कहा गया है कि शिक्षा विभाग जल्द से जल्द इस मामले पर हस्तक्षेप करें। मंत्रालय ने राज्यों को निश्चित समय सीमा 31 मार्च 2025 के भीतर कार्रवाई कर इसकी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपने को कहा है।
5 राज्य जहां सबसे अधिक ऐसे स्कूल हुए चिह्नित
झारखंड 5879
बिहार 4915
असम 3630
पश्चिम बंगाल 3380
ओडिशा 1052
बिहार में चिह्नित स्कूल नामांकित छात्र पढ़ाने वाले शिक्षकों की संख्या
4915 775704 42377
देश भर में चिह्नित स्कूल नामांकित छात्र पढ़ाने वाले शिक्षकों की संख्या
22298 2434328 158990
देश के 25 राज्यों में बिहार दूसरे नंबर पर
शिक्षा मंत्रालय ने देशभर में शिक्षा का अधिकार अधिनियम का उल्लघंन करने वाले 22 हजार 298 स्कूलों की पहचान की है। सबसे अधिक 5879 ऐसे स्कूल झारखंड में पहचान में आए हैं। इनमें 8 लाख 37 हजार 897 विद्यार्थी नामांकित है। वहीं 46 हजार 421 शिक्षक यहां पढ़ा रहे है। दूसरे नंबर बिहार है जहां 4915 स्कूल चिह्नित हुए हैं। इनमें 7 लाख 75 हजार 704 विद्यार्थी नामांकित हैं। इन स्कूलों में 42 हजार 337 शिक्षक पढ़ा रहे हैं।
पंचायतवार उच्च माध्यमिक विद्यालयों की सूची तलब
शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी जिलों से पंचायतवार उच्च माध्यमिक विद्यालयों की सूची मांगी है। ताकि, जहां कहीं भी उच्च माध्यमिक विद्यालय की सुविधा नहीं है, वहां इसकी स्थापना की जाये।
मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के दौरान ही यह जानकारी जिलों से मांगी गयी है ताकि, मुख्यमंत्री को इससे अवगत कराया जा सके। माध्यमिक शिक्षा के उपनिदेशक सुनील दत्त त्रिपाठी ने सोमवार को जिलों को लिखे पत्र में लिखा है कि सीएम प्रगति यात्रा के अंतर्गत उच्च स्तर से राज्य के सभी पंचायतों में अवस्थित उच्च माध्यमिक विद्यालयों का विवरण मांगा गया है।
जिलों को यह भी कहा गया है कि तत्काल यह सूची उपलब्ध करायें और इसे उच्च प्राथमिकता दें। समय पर सूची नहीं उपलब्ध होने पर आपके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब हो कि राज्य सरकार प्रदेश की सभी 8053 ग्राम पंचायतों में एक-एक उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना के निर्णय पर काम कर रही है। इस कड़ी में हालिया रिपोर्ट महत्वपूर्ण होगी। इसके आने के बाद जिन पंचायतों में यह सुविधा अब भी नहीं है, वहां इसे जमीन पर उतारने की कार्रवाई तेज होने के आसार हैं।