भागलपुर में HMPV (ह्यूमन मेटाप्नेमोवायरस) वायरस को लेकर स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारी का जायजा लेने के लिए सदर अस्पताल और मायागंज अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट का मॉक ड्रिल आयोजित किया गया। इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि जरूरत के समय मरीजों के बेड तक ऑक्सीजन की आपूर्ति सुचारू और निर्बाध रूप से हो सके।
सदर अस्पताल में मॉक ड्रिल का आयोजन
सदर अस्पताल में आयोजित इस मॉक ड्रिल के दौरान प्लांट से मरीजों के बेड तक ऑक्सीजन सप्लाई की प्रक्रिया का बारीकी से निरीक्षण किया गया। इस कार्यक्रम में सदर अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर राजू, अस्पताल के मैनेजर आशुतोष कुमार, और अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे। निरीक्षण के दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि ऑक्सीजन प्लांट पूरी क्षमता के साथ काम कर रहा है और सप्लाई में किसी भी प्रकार की तकनीकी समस्या न आए।
सदर अस्पताल प्रशासन ने बताया कि संभावित संक्रमित मरीजों के लिए अस्पताल में 10 बेड का सुरक्षित वार्ड तैयार किया गया है। यह वार्ड विशेष रूप से HMPV वायरस के संदिग्ध मरीजों के लिए सुरक्षित और संक्रमण मुक्त वातावरण प्रदान करेगा। अस्पताल प्रशासन ने यह भी कहा कि इस मॉक ड्रिल से अस्पताल कर्मचारियों को आपातकालीन स्थिति में कार्य करने के लिए बेहतर प्रशिक्षण मिलेगा।
मायागंज अस्पताल में भी मॉक ड्रिल
इसी के साथ, पूर्वी बिहार के सबसे बड़े अस्पताल, मायागंज अस्पताल में भी ऑक्सीजन प्लांट की मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इस कार्यक्रम का नेतृत्व अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर के.के. सिन्हा ने किया। उन्होंने बताया कि अस्पताल में संचालित तीन ऑक्सीजन प्लांट का निरीक्षण किया गया, और यह सुनिश्चित किया गया कि प्लांट से मरीजों के बेड तक ऑक्सीजन की सप्लाई सुचारू रूप से हो। डॉक्टर सिन्हा ने संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को ऑक्सीजन प्लांट की कार्यप्रणाली और संचालन के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
मायागंज अस्पताल में संचालित दो ऑक्सीजन प्लांट में 20 घंटे तक ऑक्सीजन सप्लाई की क्षमता है, जबकि एक प्लांट लगातार 24 घंटे ऑक्सीजन सप्लाई कर सकता है। डॉक्टर के.के. सिन्हा ने कहा कि अस्पताल प्रशासन किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि मॉक ड्रिल के माध्यम से कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने और व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारी का आकलन
सदर और मायागंज अस्पताल में मॉक ड्रिल के आयोजन से यह साफ हो गया है कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग HMPV वायरस के संभावित खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट की क्षमता का निरीक्षण और प्रशिक्षण कार्यक्रम यह सुनिश्चित करता है कि आपातकालीन स्थिति में मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
डॉक्टर सिन्हा ने मॉक ड्रिल के अंत में कहा कि यह अभ्यास अस्पताल प्रशासन के लिए एक जरूरी कदम था, क्योंकि इससे आपातकालीन समय में ऑक्सीजन आपूर्ति के किसी भी बाधा को खत्म करने में मदद मिलेगी। उन्होंने संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को सतर्क रहने और मरीजों को बेहतर सेवाएं देने के निर्देश दिए।
आगे की तैयारी
जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर जनता को आश्वासन दिया है कि अस्पतालों में हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही, आम लोगों से अपील की गई है कि किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लक्षण दिखने पर वे तुरंत नजदीकी अस्पताल में संपर्क करें। मॉक ड्रिल का यह आयोजन न केवल अस्पतालों की तैयारियों का आकलन था, बल्कि यह यह भी सुनिश्चित करता है कि संकट की घड़ी में भागलपुर के मरीजों को सर्वोत्तम इलाज और सुविधाएं उपलब्ध हों।