निकाय चुनाव का आरक्षण रोस्टर जारी होते शहनाई भी बजने लगी है। आरक्षण रोस्टर के कारण जो सीट महिला के लिए आरक्षित हुआ है वहां चुनाव लड़ने को तैयार उम्मीदवार शादी करके पत्नी को चुनाव मैदान में उतार रहे हैं।
नगर निकाय चुनाव को लेकर आरक्षण रोस्टर में कई वार्डों को महिला के लिए आरक्षित किया गया है। आरक्षण रोस्टर जारी होने के पूर्व तक चुनाव लड़ने का मंसूबा पाल रहे संभावित प्रत्याशी अपना वार्ड महिला के लिए आरक्षित देख अपनी पत्नी को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी में जुट गए। आरक्षण रोस्टर जारी होने के साथ ही शहनाई भी बजी। नगर निगम क्षेत्र के अलग-अलग वार्डों में अब तक मुस्लिम समुदाय से आने तीन अविवाहितों ने नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के पूर्व ही शादी रचा ली। ऐसा तब है, जब इनका विवाह नवंबर में निर्धारित किया गया था।
रामपाड़ा निवासी इजहार आलम ने इसी सप्ताह अपनी शादी रचाई है। इजहार बताते हैं कि उनकी पत्नी रेशमा इजहार वार्ड नंबर 24 से चुनाव लड़ेगी। इजहार खुद भी वार्ड 23 से निगम पार्षद चुनाव को लेकर अपनी नामजदगी का पर्चा दाखिल करेंगे। विवाह के बाद से ही पति -पत्नी मिलकर चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। बताते चलें कि पितृपक्ष होने के कारण हिन्दू समुदाय में 15 दिनों तक किसी तरह का मांगलिक कार्य नहीं होता है। इस कारण हिंदू समुदाय से आने वाले संभावित प्रत्याशियों के मंसूबे धरे के धरे रह गए। अब अपने परिवार से ही किसी महिला को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी कर ली है।
निगम क्षेत्र में आरक्षण रोस्टर जारी होने के बाद महिला के लिए आरक्षित सीट से अपनी पत्नी को उम्मीदवार बनाने के लिए शादी के लिए निर्धारित तिथि के पूर्व ही सेहरा पहन लिया। शहरी क्षेत्र में दो अन्य ने सीट आरक्षित होने के कारण एक सप्ताह पूर्व ही अपना विवाह रचा लिया। हलांकि उक्त दोनों ने नाम नहीं देने की बात कहते हुए कहा कि चुनावी मैदान में उतारने को ही निर्धारित समय से पूर्व अपनी शादी रचाई। हलांकि चुनाव के दौरान इस तरह के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं।