बिहार के सहरसा में महिलाओं के सशक्तिकरण एवं उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य से जीविका सहरसा द्वारा जिला प्रेक्षागृह, सहरसा में एक दिवसीय कार्यशाला सह उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला आगामी “महिला संवाद कार्यक्रम” के सफल संचालन की पूर्व तैयारी के रूप में आयोजित की गई, जो पूरे बिहार में 17 अप्रैल 2025 से प्रारंभ किया जाएगा।
कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन जिला पदाधिकारी सहरसा, उप विकास आयुक्त, सिविल सर्जन एवं डीएसपी (मुख्यालय) द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम में जीविका सहरसा के सभी जीविका कर्मी, डेटा एंट्री ऑपरेटर, संकुल संघों के अध्यक्ष एवं सामुदायिक संसाधन सेवी (सीआरपी) बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
महिला संवाद का उद्देश्य
महिला संवाद कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं को जमीनी स्तर पर प्रभावी बनाना और समुदाय की आवश्यकताओं के अनुरूप समाधान प्रस्तुत करना है। यह कार्यक्रम महिलाओं को एक ऐसा मंच प्रदान करेगा, जिसके माध्यम से वे अपनी समस्याएं, आवश्यकताएं और उपलब्धियां साझा कर सकेंगी।
सहरसा में 12 संवाद रथों के माध्यम से क्रियान्वयन
सहरसा जिले में महिला संवाद कार्यक्रम को 12 संवाद रथों के माध्यम से संचालित किया जाएगा। ये संवाद रथ जिले के सभी 1468 ग्राम संगठनों तक पहुंचेंगे और प्रत्येक गांव में जाकर महिलाओं से सीधा संवाद स्थापित करेंगे। इस संवाद के दौरान महिलाओं को राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, स्वयं सहायता समूह योजना, रोजगार और स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी जाएगी।
कार्यशाला के दौरान अधिकारियों और प्रतिभागियों के बीच महिला संवाद कार्यक्रम की रणनीति, क्रियान्वयन प्रक्रिया, अपेक्षित परिणाम तथा विभिन्न विभागों की भूमिका पर गहन चर्चा हुई। अधिकारियों ने बताया कि यह कार्यक्रम न केवल महिलाओं को सरकारी योजनाओं से जोड़ने का माध्यम बनेगा, बल्कि उनकी सामाजिक, आर्थिक और मानसिक स्थिति को सशक्त बनाने में भी सहायक होगा।
समस्याओं और सुझावों को दर्ज कर समाधान की पहल
कार्यशाला में यह बताया गया कि संवाद रथ प्रत्येक ग्राम संगठन में जाकर महिलाओं की समस्याओं और सुझावों को ध्यानपूर्वक सुनेगा। एकत्रित सूचनाओं का विश्लेषण कर संबंधित विभागों को रिपोर्ट दी जाएगी, जिससे समस्याओं का समाधान शीघ्र किया जा सकेगा। इससे महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी और प्रशासन के प्रति उनका विश्वास भी सुदृढ़ होगा।
महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता और आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
जीविका के अधिकारियों ने बताया कि यह कार्यक्रम महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करेगा, उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करेगा और समाज में उनकी भागीदारी को मजबूत करेगा। कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी जीविका कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है और उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे संवाद रथ के माध्यम से प्रत्येक ग्राम संगठन में जागरूकता का वातावरण बनाएं।
संपूर्ण जिले में पहुंचने का लक्ष्य
महिला संवाद कार्यक्रम के तहत आने वाले दिनों में सहरसा जिले के सभी 1468 ग्राम संगठनों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है। संवाद रथ न केवल महिलाओं से संवाद करेगा, बल्कि उनके जीवन से जुड़े मुद्दों को पहचानकर उन्हें लाभकारी योजनाओं से जोड़ने का प्रयास करेगा।
कार्यशाला के अंत में सभी प्रतिभागियों ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अपनी पूर्ण प्रतिबद्धता व्यक्त की। अधिकारियों ने आशा जताई कि यह पहल महिलाओं के जीवन में एक सकारात्मक बदलाव लाएगी और बिहार राज्य को महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक नई ऊंचाई पर पहुंचाएगी।
निष्कर्षत: महिला संवाद कार्यक्रम एक ऐसा ऐतिहासिक कदम है, जो नारी शक्ति को सशक्त, जागरूक और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।