बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड में सजा काटकर जेल से बाहर आए आनंद मोहन पर जी कृष्णैया की पत्नी ने याचिका दायर की थी।

जी कृष्णैया की पत्नी ने इस रिहाई को गैर कानूनी करार देते हुए बिहार सरकार के उसे जेल मैनुअल के फैसले को भी चुनौती दी थी जिसमें संशोधन कर आनंद मोहन को रिहाई दी गई थी।

मालूम हो कि , इससे पहले सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया था कि राज्य सरकार ने एक ही दिन में 97 दोषी व्यक्तियों की सजा में छूट पर विचार किया है। सरकार में केवल गैंगस्टर से नेता बने आनंद मोहन को छूट नहीं दी है बल्कि इनके अलावा कई अन्य कैदियों को भी छूट दी गई है।

इधर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार का पक्ष सुनने के बाद न्यायमूर्ति दीपंकर दत्ता ने कहा कि – क्या इन सभी 97 लोगों पर एक लोक सेवक की हत्या का आरोप लगाया गया था? उनका मामला यह है कि आनंद मोहन को रिहा करने के लिए नीति बदली गई है।

आपको बताते चले कि, बिहार के जेल मैनुअल में संशोधन करने के बाद बाहुबली आनंद मोहन को सहरसा जेल से रिहाई दी गई थी। उमा कृष्णाया की याचिका में आरोप लगाया गया है कि बिहार सरकार ने 10 अप्रैल 2023 के संशोधन के जरिए प्रभाव से बिहार जेल नियमावली 1912 में संशोधन किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दोषी आनंद मोहन को छूट का लाभ दिया जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *