सोशल मीडिया! अभिव्यक्ति को जगह देने वाला मजबूत मंच। चाहे खास हो या आम व्यक्ति। अपनी बात को लाखों, करोड़ों लोगों तक पहुंचाने का जरिया।
विश्वसनीयता और बढ़ते क्रेज की वजह से सोशल मीडिया तेजी से लोगों को आकर्षित कर रहा है। सरकारी विभाग और नौकरशाह भी इससे अछूते नहीं हैं। होड़ लगी है।
आगे निकलने की। फॉलोअर्स की संख्या बढ़ाने की। किस डिपार्टमेंट का आमलोगों तक कितनी पहुंच है, इसका पैमाना सोशल मीडिया पर उसके फॉलोअर्स की संख्या से मापी जा रही है।
बिहार राज्य की बात करें तो ट्विटर पर जहां हेल्थ डिपार्टमेंट का जलवा है तो फेसबुक पर आईपीआरडी (सूचना एवं जनसंपर्क विभाग) ने बादशाहत कायम रखी है।
सोशल मीडिया की बात करें तो वहां बिहार पुलिस ने अपनी धाक जमा रखी है। ट्विटर पर 3.70 लाख फॉलोअर्स के साथ बिहार पुलिस तीसरे नंबर पर है, जबकि फेसबुक पर 2.33 लाख फॉलोअर्स के साथ बिहार पुलिस ने दूसरे नंबर पर अपनी पहचान बना रखी है।
स्वास्थ्य विभाग के सोशल मीडिया एकाउंट की बात करें तो ट्विटर पर लाखों फॉलोआर्स के साथ जहां उस डिपार्टमेंट ने बादशाहत कायम की है, वहीं फेसबुक पर फॉलोअर्स की संख्या हजार में है और डिपार्टमेंट पिछड़ गया है। सोशल मीडिया पर इन विभागों द्वारा लगातार पोस्ट के द्वारा नई जानकारी दी जा रही है।
बिहार पुलिस तो राज्य के विभिन्न जिलों में घटित बड़ी घटनाओं के साथ ही उसमें हुई कार्रवाई और गिरफ्तारी की जानकारी भी सोशल मीडिया पर शेयर कर रहा।
सोशल मीडिया पर सरकारी विभागों की सक्रियता और महत्ता पर सेवानिवृत आईपीएस और भागलपुर के डीआईजी रहे उपेंद्र सिन्हा ने कहा कि सोशल मीडिया की विश्वसनीयता और धार लगातार बढ़ती जा रही है।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया मौजूदा दौर की जरूरत बन गई है। ऐसे में सोशल मीडिया से दूरी का मतलब है लोगों से दूरी।
इस डिपार्टमेंट के सोशल मीडिया एकाउंट पर इतने हैं फॉलोअर्स
डिपार्टमेंट ट्विटर फेसबुक
आईपीआरडी 4.04 लाख 5.79 लाख
हेल्थ 5.60 लाख 73 हजार
बिहार पुलिस 3.70 लाख 2.33 लाख
उद्योग विभाग 47.8 हजार 16 हजार
कृषि विभाग 46.8 हजार 45 हजार
निगरानी 45.3 हजार 12 हजार
ट्रांसपोर्ट 27.8 हजार 12 हजार
गृह विभाग 25 हजार 18 हजार
पीएचईडी 20.6 हजार 13 हजार
शहरी विकास 32.3 हजार 12 हजार
ऊर्जा विभाग 14.8 हजार 14 हजार
सोशल मीडिया सूचनाओं का केंद्र बनता जा रहा है
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट दीपक कुमार का कहना है कि सोशल मीडिया सूचनाओं का केंद्र बनता जा रहा है।
सूचनाओं के साथ ही लोगों की समस्याओं का भी समाधान इसके जरिए हो रहा है।
कई ऐसे मामले सामने आए जब किसी आम व्यक्ति ने सरकारी विभाग की कमियों को उजागर करते हुए संबंधित विभाग और अधिकारी को टैग किया और कुछ ही देर में समस्या का समाधान कर दिया गया।
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