बिहार के धार्मिक और सांस्कृतिक मानचित्र पर प्रमुख स्थान रखने वाले अजगैबीनाथ मंदिर क्षेत्र में अब श्रद्धालुओं को पहले से कहीं बेहतर सुविधाएं प्राप्त होंगी। भागलपुर जिले के सुल्तानगंज स्थित इस पवित्र मंदिर परिसर को सुव्यवस्थित, संरक्षित और सुसज्जित करने के उद्देश्य से जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार द्वारा 164.57 करोड़ रुपये की लागत से एक विस्तृत विकास योजना स्वीकृत की गई है।
इस योजना के अंतर्गत गंगा नदी के दाहिने तट पर उच्च गुणवत्ता वाले चैनल और सीढ़ी घाट का निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य मंदिर में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को सुरक्षित, स्वच्छ और सुविधाजनक वातावरण उपलब्ध कराना है, जिससे उनकी धार्मिक यात्रा और भी सार्थक हो सके। इसके अतिरिक्त, यह परियोजना क्षेत्र की पारंपरिक धार्मिक पहचान को और अधिक प्रबल बनाएगी।
योजना की प्रमुख विशेषताएं
इस परियोजना के अंतर्गत गंगा नदी की एक पुरानी उत्तरवाहिनी धार को पुनर्जीवित किया जा रहा है, जिससे मंदिर के निकटवर्ती क्षेत्र में स्थायी जलप्रवाह सुनिश्चित हो सके। लगभग 2 किलोमीटर लंबा और 30 मीटर चौड़ा यह नया चैनल न्यूनतम जलस्तर से 0.5 मीटर नीचे तक खोदा जाएगा, ताकि वर्षभर उसमें पर्याप्त जल बना रहे। इससे न केवल श्रद्धालुओं को स्नान और पूजन के लिए उपयुक्त सुविधा मिलेगी, बल्कि मंदिर का आध्यात्मिक वातावरण भी और अधिक सजीव और शुद्ध रहेगा।
सीढ़ी घाटों का निर्माण इस प्रकार किया जा रहा है कि वे सुरक्षित, टिकाऊ और सुगम हों। श्रद्धालुओं, विशेषकर बुजुर्गों और दिव्यांगों की सुविधा का विशेष ध्यान रखते हुए घाटों की डिजाइन तैयार की गई है। इस पूरी संरचना को प्राकृतिक और सांस्कृतिक सौंदर्य के अनुरूप बनाया जा रहा है, जिससे यह विकास कार्य मंदिर की मूल भावना से जुड़ा हुआ प्रतीत हो।
चरणबद्ध कार्य योजना
चैनल और घाट निर्माण के सभी कार्य चरणबद्ध ढंग से किए जा रहे हैं। योजना का प्रारंभिक चरण भूमि समतलीकरण, पुरानी जलधारा की पहचान और उसकी सफाई से जुड़ा हुआ है। इसके पश्चात चैनल की खुदाई, ढलाई, जल निकासी व्यवस्था तथा सुरक्षा संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा। अंतिम चरण में सीढ़ी घाट, बैरिकेडिंग, रैम्प, प्रकाश व्यवस्था और सौंदर्यीकरण के कार्य पूरे किए जाएंगे।
इस परियोजना की सफलता सुनिश्चित करने हेतु अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही, पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने के लिए भी विशेष कदम उठाए जा रहे हैं। निर्माण कार्य के दौरान गंगा नदी की प्राकृतिक धारा, जलजीवों और तटवर्ती हरित क्षेत्र को कोई क्षति न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
सरकार की प्रतिबद्धता
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह परियोजना न केवल क्षेत्रीय विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह धार्मिक पर्यटन को भी नई ऊंचाई देगी। अजगैबीनाथ मंदिर की महत्ता को देखते हुए राज्य सरकार इस क्षेत्र को एक आदर्श धार्मिक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। श्रद्धालुओं को सुगम पहुंच, स्वच्छ वातावरण और मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में यह परियोजना मील का पत्थर सिद्ध होगी।
राज्य सरकार का मानना है कि यह योजना स्थानीय लोगों को भी आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी, क्योंकि धार्मिक पर्यटन से जुड़े व्यवसायों को इससे प्रोत्साहन मिलेगा। इसके साथ ही, यह परियोजना युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगी।
निष्कर्ष
164.57 करोड़ रुपये की यह योजना अजगैबीनाथ मंदिर क्षेत्र को न केवल एक सुरक्षित और व्यवस्थित धार्मिक स्थल में परिवर्तित करेगी, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक विरासत को एक नया आयाम भी देगी। यह विकास कार्य श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बनने के साथ-साथ एक पर्यावरणीय रूप से संतुलित और आधुनिक संरचना का प्रतीक भी होगा।