15 जुलाई से शुरू हो रहे श्रावणी मेले को देखते हुए बिहार सरकार तैयारियों में जुट गई है। राज्य सरकार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने सभी जिलाधिकारियों और वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कांवरियों के लिए सभी जिलाधिकारी अपने क्षेत्र में विशेष इंतजाम करें। कांवरिया के रात्रि विश्राम की भी व्यवस्था करें, ताकि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो। आपको बता दें कि 2020 में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सामने आने के बाद लगातार दो साल सावन के महीने में पूरे बिहार के शिव मंदिर बंद रहे। कांवर यात्रा पर भी प्रशासन की रोक रही। ऐसे ढेरों श्रद्धालु हैं, जो हर साल कांवर यात्रा में शामिल होते हैं। उन्हें यह मौका तीन साल बाद मिलने जा रहा है।
मुख्य सचिव ने सोमवार को सभी जिलाधिकारियों और राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस कर श्रावणी मेले की तैयारियों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने बैठक के दौरान निर्देश दिए कि चूंकि कांवरिया राज्य के सभी हिस्से से बाबा धाम पहुंचते हैं। ऐसी स्थिति में उनके यातायात की व्यवस्था के साथ ही उनके रहने वगैरह की समुचित व्यवस्था की जाए। आपको बता दें कि झारखंड के देवघर स्थित बाबा धाम जाने वाले श्रद्धालु भागलपुर जिले के सुल्तानगंज से गंगा में स्नान कर अपने कांवर में जल लेते हैं। सुल्तानगंज से देवघर तक पूरे एक महीने मेला लगा रहता है। इस रूट में रात – दिन 24 घंटे श्रद्धालु चलते रहते हैं।
मेला आयोजन में फंड की कमी नहीं होने देगी सरकार
मुख्य सचिव ने जिलों से कहा यदि किसी को श्रावणी मेला के मद्देनजर किसी प्रकार के अतिरिक्त संसाधन की जरूरत हो तो जिलाधिकारी प्रस्ताव भेज राशि प्राप्त कर सकते हैं। मेला आयोजन में राशि की कोई कमी नहीं होनी दी जाएगी। बैठक के बाद मुख्य सचिव ने बताया कि बिहार के अलग-अलग हिस्से से श्रद्धालु बाबा धाम जाते हैं। कांवरियों को अपनी यात्रा और बाबा धाम में जल चढ़ाने के दौरान किसी प्रकार की कठिनाई न हो इसके लिए पर्याप्त इंतजाम रखने के निर्देश दिए गए हैं।