एसपी ने बताया कि सबसे पहले सीसीटीवी फुटेज के आधार पर युवराज को गिरफ्तार किया गया। उससे पूछताछ में सुमित का नाम सामने आया। पुलिस ने उसके घर पर छापा मारा।
बिहार के बेगूसराय जिले में हुए गोलीकांड में पुलिस चार आरोपियों की गिरफ्तारी का दावा कर रही है, मगर अभी तक पूरा सच नहीं बताया गया है। एसपी योगेंद्र कुमार ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले का खुलासा किया। चार में से तीन आरोपियों को कहां से गिरफ्तार किया गया, इस सवाल से एसपी बचते नजर आए। एसपी ने बताया कि एक आरोपी केशव नागा को ट्रेन से पकड़ा गया। उसके तीन साथियों को कहां से पकड़ा ये नहीं बताया गया है। साथ ही पुलिस के मुताबिक गोलीबारी करने वाले दो मुख्य आरोपियों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। अभी गिरफ्तार हुए चार में से दो बदमाश ही मुख्य आरोपी हैं। अन्य दो सिर्फ साजिश में शामिल थे।
एसपी योगेंद्र यादव के मुताबिक बेगूसराय गोलीकांड का एक आरोपी केशव नागा जमुई जिले के झाझा रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया। बताया जा रहा है कि वह ट्रेन से रांची भागने की कोशिश कर रहा था। इसके अलावा तीन अन्य बदमाश युवराज, सुमित और चुनचुन की गिरफ्तारी कहां से हुई इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एसपी योगेंद्र कुमार भी पत्रकारों के इस सवाल से बचते रहे।
एसपी ने बताया कि सबसे पहले सीसीटीवी फुटेज के आधार पर युवराज को गिरफ्तार किया गया। उससे पूछताछ में सुमित का नाम सामने आया। पुलिस ने उसके घर पर छापा मारा और वारदात में प्रयुक्त कपड़े, एक बाइक और देसी पिस्टल बरामद की। इसके बाद सुमित को भी पुलिस ने पकड़ लिया। बाद में पुलिस ने चुनचुन नाम के एक अन्य आरोपी को भी अरेस्ट किया। हालांकि इन तीनों को कहां से पकड़ा गया है, इस बारे में एसपी ने नहीं कोई जानकारी नहीं दी।
वकील से संपर्क में थे आरोपी?
दूसरी ओर खबरों के मुताबिक एसटीएफ ने गोलीकांड के दो आरोपियों को बेगूसराय कोर्ट से दबोचा था। यह कार्रवाई पुलिस के सहयोग से ही की गई। माना जा रहा है कि सीरियल गोलीकांड के बाद आरोपियों को लग गया था कि वे गिरफ्तार होंगे। इसलिए बदमाश बेगूसराय कोर्ट पहुंचे थे। वो वहां किस वकील से वकील से मिलने के लिए पहुंचे, पुलिस को इसकी भी पुख्ता जानकारी है। हालांकि, उस वकील की वारदात में संलिप्तता है या नहीं, ये जांच का विषय है। मगर पुलिस ने इस बारे में अभी तक कुछ नहीं बताया है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि बिहार पुलिस जनता को पूरा सच क्यों नहीं बता रही है?