कहते हैं कि ऊपर वाले के घर में देर है अंधेर नहीं. यह बात सही साबित हुई, जब मोतिहारी के एक दंपति को शादी के दस साल बाद भी कोई संतान नहीं थी, लेकिन फिर एक चमत्कार हुआ और महिला ने एक-दो नहीं बल्कि एक साथ चार बच्चों को बच्चों को जन्म दिया है। जन्मे बच्चों में तीन लड़का व एक लड़की है। फिलहाल चारों बच्चों को डॉक्टर की निगरानी में रखा गया है। 

प्रसुता द्वारा एक साथ चार बच्चों को जन्म देने की यह घटना मोतिहारी के तुरकौलिया के शंकर सरैया तनसरिया गांव की है। यहां रहनेवाले किसान चंदन सिंह की शादी के दस साल बाद काफी मन्नत से पत्नी को गर्भ ठहरा. उसने पत्नी उषा देवी का इलाज शहर की महिला चिकित्सक डॉ ज्योति झा से कराया. उषा नियमित रूप से डॉक्टर की निगरानी में थी.चंदन ने बताया कि अल्ट्रासाउंट से गर्भ में तीन बच्चे रहने की जानकारी थी, लेकिन सोमवार को प्रसव पीड़ा के बाद उसे अगरवा मोहल्ला स्थित नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया, जहां ऑपरेशन हुआ तो चार बच्चों ने जन्म दिया   की महिला ने शादी के दस साल बाद चार बच्चे को जन्म दिया. जन्मे बच्चों में तीन लड़का व एक लड़की है.

प्रसव समय से पहले सात महीने में हुआ है. वजन कम होने के कारण चारों बच्चे डॉक्टर की निगरानी में हैं. नगर थाना चौक के पास शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर के यहा बच्चों का इलाज कर रहे हैं. डॉक्टर ने बताया कि बच्चों का वजन बहुत कम है, उन्हें उच्च चिकित्सा की जरूरत है. चारों बच्चे बहुत कमजोर हैं, जिसके कारण शिशु रोग विशेषज्ञ डा सुमित कुमार के नर्सिंग होम में उन्हे भर्ती कराया गया है.

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हैरानी की बात है कि परिवार में एक साथ दो से अधिक बच्चों को जन्म देने की यह पहली घटना नहीं हैं चंदन के चचरे भाई अशोक सिंह की पत्नी को भी आठ साल पहले तीन बच्चे हुए थे.चंदन छोटे किसान हैं. उसके पास इतना पैसा नहीं है कि बच्चों को किसी बड़े अल्पताल में इलाज करा सकें. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ सुमित कुमार ने जब उससे कहा कि बच्चों को वेटिंलेटर की जरूरत पड़ सकती है, जिसमें अधिक खर्च आयेगा. यह सुनकर चंदन मायूस हो गये. वह चारों बच्चे को बचाना चाहते हैं.

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