बिहार में मुकेश सहनी को मंत्री पद गंवाना पड़ा. मुख्यमंत्री की अनुसंशा के बाद राज्यपाल की अनुमिति मिलते ही राज्य सरकार ने हटा दिया. ऐसे में वीआईपी चीफ और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी का दर्द छलका है. इसके बाद मुकेश सहनी ने कहा कि अतिपिछड़ा समाज के आरक्षण को 15% बढ़ाने एवं बिहार और बिहारियों के सम्मान और सम्पूर्ण विकास की लड़ाई के लिए समर्पित हूं. अब तो उन्होंने अपना स्टेटस भी बदल लिया है. ट्विटर पर मंत्री की जगह पूर्व मंत्री लिख रहे हैं।

मुकेश सहनी ने ट्वीट कर लिखा, ‘मेरे सोलह महीने के मंत्री कार्यकाल में मैंने राज्य के तेरह करोड़ जनता की सेवा करने की कोशिश की. सभी जाती धर्म के लोगों के लिए काम किया. बिहार के भविष्य के लिए पशुपालन एवं मत्स्य क्षेत्र में कुछ निर्णायक कार्य को गति प्रदान किया. बिहार की समस्त जनता, NDA के सभी सहयोगी दल एवं माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मुझे यह अवसर देने के लिए आभार. मैं निषाद समाज को SC/ST आरक्षण, अतिपिछड़ा समाज के आरक्षण को 15% बढ़ाने एवं बिहार और बिहारियों के सम्मान और सम्पूर्ण विकास की लड़ाई के लिए समर्पित हूं।

दरअसल, मुकेश सहनी को हटाने के लिए मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को अनुसंशा भेजी थी. जिसे राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया. क्योंकि मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है. वहीं अन्य मंत्रियों की नियुक्ति मुख्यमंत्री की सलाह पर राज्यपाल द्वारा की जाती है. इसलिए मुकेश सहनी मंत्री पद से हटा दिए गए. इसकी अधिसूचना मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग जारी करता है।

इसी नोटिफिकेशन के बाद राज्य सरकार के मंत्री को औपचारिक रूप से पदविहीन मान लिया जाता है. मुकेश सहनी ने अपने ट्विटर एकाउंट पर आज ही स्टेटस भी अपडेट किया है जिसमें उन्होंने खुद को पूर्व मिनिस्टर बिहार सरकार लिखा हुआ बताया है।

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