सुल्तानगंज: बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के चेयरमैन शीर्षत कपिल अशोक ने गुरुवार को बहुप्रतीक्षित सुल्तानगंज-अगुवानी गंगा पुल के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने कार्य की प्रगति का आकलन करते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि निर्माण कार्य को तेज गति से आगे बढ़ाया जाए ताकि निर्धारित समय सीमा के भीतर पुल का कार्य पूरा किया जा सके।
चेयरमैन ने खगड़िया की ओर से निरीक्षण यात्रा शुरू की और पाया संख्या पांच तक पहुंच कर काम की स्थिति की समीक्षा की। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधिकारियों से कार्य में आ रही बाधाओं की जानकारी ली और कहा कि अब किसी भी हाल में कार्य में लापरवाही या विलंब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह पुल न सिर्फ दो जिलों को जोड़ेगा, बल्कि पूरे कोसी और सीमांचल क्षेत्र के लाखों लोगों की जीवनशैली और आवागमन को बदलने वाला साबित होगा।
निरीक्षण के दौरान चेयरमैन ने बताया कि गंगा नदी पर बन रहे इस पुल की नई समयसीमा अब 31 मार्च 2026 निर्धारित की गई है। पूर्व में इस पुल का निर्माण मार्च 2025 तक पूरा किया जाना था, लेकिन निर्माण में आई तकनीकी और भौगोलिक चुनौतियों के कारण कार्य में देरी हुई है। उन्होंने स्वीकार किया कि गंगा नदी की जलधारा, बरसात के मौसम में तेज बहाव और निर्माण से जुड़ी अन्य बाधाएं पहले की डेडलाइन को प्रभावित कर रही थीं, लेकिन अब सभी तकनीकी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए एक रिवाइज प्लान के तहत काम को पूरा करने की रणनीति तैयार की गई है।
चेयरमैन ने कहा कि परियोजना में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। सभी इंजीनियरों को निर्देश दिया गया है कि तय मानकों के अनुरूप ही काम करें और हर चरण की मॉनिटरिंग नियमित रूप से की जाए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो संसाधनों की संख्या और कार्यबल में भी वृद्धि की जाएगी, ताकि कार्य में तेजी लाई जा सके।
बता दें कि सुल्तानगंज-अगुवानी गंगा पुल बिहार के सबसे महत्वाकांक्षी पुल परियोजनाओं में से एक है, जो गंगा के दोनों किनारों को जोड़कर एक नए विकास पथ को खोलेगा। यह पुल न केवल खगड़िया और भागलपुर जिलों के बीच की दूरी को कम करेगा, बल्कि आसपास के ग्रामीण इलाकों में रोजगार, व्यापार और आवागमन को भी नई गति देगा।
निरीक्षण के बाद चेयरमैन शीर्षत कपिल अशोक खगड़िया की ओर लौट गए। उन्होंने संबंधित अभियंताओं को यह भी निर्देश दिया कि प्रतिमाह कार्य की प्रगति रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाए ताकि ऊपरी स्तर से लगातार निगरानी सुनिश्चित की जा सके।
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