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नाथनगर (भागलपुर) क्षेत्र में अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद हो चुके हैं कि अब वे सार्वजनिक संस्थानों को भी नहीं छोड़ रहे। नाथनगर थानाक्षेत्र के अंतर्गत अलग-अलग इलाकों में एक ही रात में चोरी की तीन वारदातों ने पुलिस प्रशासन की नींद उड़ा दी है। चोरों ने दो स्कूलों और नगर निगम क्षेत्र को अपना निशाना बनाया है। इन वारदातों से स्थानीय लोगों में खौफ का माहौल है और पुलिस की निष्क्रियता को लेकर आक्रोश भी।

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चंपानगर चंद्रावती कन्या विद्यालय बना निशाना

नाथनगर नगर निगम क्षेत्र के चंपानगर स्थित चंद्रावती कन्या मध्य विद्यालय में चोरों ने धावा बोलते हुए कार्यालय से दो बैटरी, लगभग 400 स्टील की थालियाँ, एक बाजा का एम्प्लीफायर और अन्य सामान चुरा लिया। स्कूल के प्रिंसिपल राजीव रंजन सिंह ने बताया कि चोरी की यह घटना संभवतः गर्मी की छुट्टियों के दौरान घटी, जब विद्यालय बंद था। उन्होंने इसकी लिखित शिकायत नाथनगर थाना और शिक्षा विभाग में की है।

प्रिंसिपल ने यह भी बताया कि चोरों ने कार्यालय में लगे ताले को तोड़कर अंदर प्रवेश किया और कीमती बैटरियों को चुरा ले गए। यह पहली बार नहीं है जब इस विद्यालय में चोरी हुई है। इससे पहले दो बार और चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं, मगर कोई ठोस कार्रवाई अब तक नहीं हुई है। इससे स्कूल प्रशासन और अभिभावकों में चिंता का माहौल है।

निगम की टोटो बैटरी भी उड़ाई

इसी क्षेत्र के नगर निगम वार्ड नंबर दो से भी चोरी की बड़ी वारदात सामने आई है। वार्ड पार्षद सोनी साह के अनुसार, चोरों ने निगम द्वारा संचालित टोटो वाहन की बैटरियों को भी देर रात चुरा लिया। पार्षद ने बताया कि इससे पहले भी कई बार निगम संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है, लेकिन पुलिस कोई कड़ी कार्रवाई नहीं कर रही। इस वारदात ने निगम के परिचालन को भी प्रभावित किया है।

गोसाईंदासपुर स्कूल में भी चोरी

इसी दिन तीसरी वारदात नाथनगर के गोसाईंदासपुर स्कूल में सामने आई, जहां चोरों ने पंखा और अन्य शैक्षणिक सामग्री पर हाथ साफ कर दिया। यह स्कूल पहले से ही संसाधनों की कमी से जूझ रहा था, और अब चोरी की घटना ने इसकी परेशानियां और बढ़ा दी हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि स्कूलों और सार्वजनिक संस्थानों को निशाना बनाना इस बात का संकेत है कि अपराधियों को पुलिस का कोई डर नहीं रह गया है।

स्थानीय लोग नाराज, नशेड़ियों को ठहराया जिम्मेदार

इन सभी वारदातों के बाद स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी है। लोगों का आरोप है कि इलाके में नशेड़ियों के कई अड्डे खुलेआम चल रहे हैं, जहां दिन-रात असामाजिक तत्वों की भीड़ लगी रहती है। लोग बताते हैं कि कई बार पुलिस से शिकायत की गई, मगर नशेड़ियों के इन ठिकानों को हटाने में पुलिस नाकाम रही है।

एक स्थानीय निवासी ने बताया, “चोरी की इन घटनाओं के पीछे निश्चित रूप से नशे के लती लोग शामिल हैं। वे पैसों के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। पुलिस से बार-बार शिकायत के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।”

पुलिस की सफाई, जल्द खुलासे का दावा

उधर, नाथनगर पुलिस ने जल्द ही मामले का उद्भेदन करने का दावा किया है। थाना प्रभारी ने बताया कि घटनाओं की जांच की जा रही है और कुछ संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और पुलिस को सहयोग करें।

हालांकि, चोरी की घटनाओं की लगातार बढ़ती संख्या और पुलिस की असफलता ने इलाके में भय और असुरक्षा का माहौल बना दिया है। लोग अपने घरों और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।

निष्कर्ष

नाथनगर में एक साथ तीन सार्वजनिक संस्थानों में चोरी की वारदातों ने न केवल पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी साफ कर दिया है कि अपराधी अब किसी से नहीं डर रहे। इस मामले में यदि जल्द ही ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो नाथनगर जैसे शहरी इलाके में अपराधियों का हौसला और बढ़ेगा। ज़रूरत है कि प्रशासन नशे के ठिकानों पर कार्रवाई कर, रात्रि गश्ती बढ़ाए और पीड़ित संस्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। वरना आने वाले समय में हालात और बिगड़ सकते हैं।

 

 

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