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नवगछिया। नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड संख्या 28 की पार्षद स्वाति प्रिया के पति सह वार्ड पार्षद प्रतिनिधि अभिषेक कुमार उर्फ सागर पर जानलेवा हमला किया गया। इस घटना को लेकर उन्होंने गोपालपुर थाना में लिखित आवेदन देकर आरोपियों के विरुद्धहमला कार्रवाई की मांग के साथ-साथ अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने की गुहार भी लगाई है। यह घटना वार्ड नंबर 28 स्थित हरनाथचक में हुई, जहां वे एक घरेलू विवाद के निपटारे को लेकर पंचायती के लिए गए थे।

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अभिषेक कुमार, जो कि वार्ड 28 के निवासी और शंकर सिंह के पुत्र हैं, ने पुलिस को दिए आवेदन में बताया कि 12 जून को पूनम देवी (पिता- स्व. भादो सिंह) तथा छोटेलाल सिंह एवं लालहौ सिंह (पिता- स्व. भिखो सिंह) ने उन्हें एक पारिवारिक विवाद के समाधान हेतु अपने घर बुलाया था। उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधि होने के नाते दोनों पक्षों को समझाने और शांति स्थापित करने की मंशा से आमंत्रण स्वीकार किया।

लेकिन जैसे ही वे विवादग्रस्त परिवार के बीच मध्यस्थता हेतु वहां पहुंचे, उसी दौरान राजेश कुमार (पिता- बिंदा सिंह) अचानक आ धमका और गाली-गलौज करने लगा। अभिषेक कुमार के अनुसार, राजेश कुमार ने उन्हें धमकाते हुए कहा, “यहां से तुरंत चले जाओ, नहीं तो गोली मरवा देंगे।” इसके बाद उसने हाथापाई शुरू कर दी और गला दबाकर जान से मारने की कोशिश की।

घटना के समय मौके पर कई स्थानीय लोग भी मौजूद थे, जिन्होंने बीच-बचाव कर किसी तरह अभिषेक कुमार को हमलावर की गिरफ्त से छुड़ाया। उन्होंने बताया कि हमले के बाद राजेश कुमार जाते-जाते जान से मारने की धमकी देते हुए कहा, “सप्ताह भर के अंदर तुम्हारी लाश गिरा देंगे।” इससे भयभीत होकर अभिषेक कुमार ने पुलिस से विधिवत सुरक्षा की मांग की है।

अभिषेक कुमार ने अपने आवेदन के साथ करीब एक दर्जन स्थानीय लोगों के हस्ताक्षरित बयान भी संलग्न किए हैं, जो घटना के साक्षी हैं। उन्होंने बताया कि जनहित और सामाजिक कार्यों के दौरान इस प्रकार की धमकियां उनके मनोबल को तोड़ने की कोशिश हैं। यह केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि जनसेवा की भावना पर हमला है।

घटना की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय लोगों में भी आक्रोश व्याप्त है। लोगों का कहना है कि अगर ऐसे जनप्रतिनिधि सुरक्षित नहीं हैं, जो समाज में शांति और समाधान के लिए पहल करते हैं, तो आम नागरिकों की सुरक्षा की क्या गारंटी है? क्षेत्र के बुजुर्गों एवं युवाओं ने प्रशासन से मांग की है कि दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए और अभिषेक कुमार को पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए।

इधर, गोपालपुर थाना प्रभारी ने कहा कि आवेदन प्राप्त हुआ है और मामले की जांच की जा रही है। साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। थाना द्वारा अभिषेक कुमार को आश्वासन दिया गया है कि उनकी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा और दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

घटना के बाद से अभिषेक कुमार एवं उनका परिवार डरे और सहमे हुए हैं। उन्होंने कहा कि वह लंबे समय से सामाजिक गतिविधियों और वार्ड की समस्याओं के समाधान में जुटे हैं। ऐसे में उनके साथ हुई इस घटना ने उन्हें मानसिक रूप से काफी व्यथित किया है। वे अब भी जनता के साथ हैं और अन्याय के खिलाफ संघर्ष करते रहेंगे, लेकिन प्रशासन से अपील करते हैं कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र न्याय दिलाया जाए।

इस घटना ने नगर परिषद क्षेत्र में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा छेड़ दी है। लोग इस बात को लेकर भी चिंतित हैं कि एक पार्षद प्रतिनिधि तक अगर सुरक्षित नहीं हैं तो आम जनता को किस हद तक असुरक्षा का सामना करना पड़ सकता है। अब देखना यह होगा कि पुलिस और प्रशासन इस मामले में कितनी तत्परता दिखाते हैं और पीड़ित को न्याय कब तक मिलता है।

 

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