सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि धर्म के आधार पर किसी को भी आरक्षण नहीं दिया जा सकता। शीर्ष कोर्ट ने यह मौखिक टिप्पणी कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील पर सुनवाई के दौरान की।

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा 77 समुदायों को ओबीसी में शामिल करने का निर्णय रद्द किया था। बंगाल सरकार ने राज्य के जिन 77 समुदायों को ओबीसी में शामिल किया था, उनमें से अधिकांश मुस्लिम समुदाय के हैं। कोर्ट की इस टिप्पणी पर पश्चिम बंगाल सरकार ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि जिन समुदायों को ओबीसी में शामिल किया गया, उन्हें धर्म के आधार पर नहीं बल्कि उनके पिछड़ेपन के चलते ओबीसी में शामिल किया गया।

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