नगर विधायक समेत सात अभियुक्तों को एमपी-एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाने के साथ एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सजा में डिफाल्टर होने पर तीन हजार रुपये का अर्थदंड देना होगा। इशाकचक थाना क्षेत्र में तीन नवंबर 2020 को यह मामला दर्ज हुआ था।
भागलपुर। एमपी-एमएल कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विवेक कुमार सिंह की अदालत ने बुधवार को कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा समेत सात लोगों को निर्वाचन कार्य में बाधा डालने और सेक्टर पदाधिकारी और पुलिस टीम की समर्थकों के साथ घेराबंदी करने मामले में दोषी पाते हुए एक साल की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने जिन लोगों को सजा सुनाई है उनमें अजीत शर्मा के अलावा मुहम्मद रियाजउल्ला अंसारी, मुहम्मद शफकतउल्ला, मुहम्मद नियाजउल्ला उर्फ आजाद, मुहम्मद मंजरउद्दीन उर्फ चुन्ना, मुहम्मद नियाजउद्दीन और मुहम्मद इरफान खान उर्फ सिंटू शामिल हैं। विशेष न्यायाधीश ने भारतीय दंड विधान संहिता की धारा 341 में 15 दिनों की साधारण कारावास और ढाई सौ रुपये जुर्माना लगाया है। उक्त सजा में डिफाल्ट होने पर पांच सौ रुपये का जुर्माना देना होगा। सरकार की तरफ से अनुमंडल अभियोजन पदाधिकारी प्रभात कुमार ने बहस में भाग लिया।
काेर्ट ने भारतीय दंड विधान संहिता की धारा 353 के तहत विधायक अजीत शर्मा समेत सात अभियुक्तों को एक साल की साधारण कारावास और एक हजार रुपये का जुर्माना देने को कहा है। उक्त सजा में डिफाल्ट होने पर विधायक समेत अन्य अभियुक्तों को तीन हजार रुपये का जुर्माना देना होगा। सभी अभियुक्तों को न्यायालय में सजा बाद बांड भराने की कवायद पूरी कर मुक्त कर दिया गया।
चलंत मतदान केंद्र की टीम को घेरकर गाड़ी में रखे इवीएम को देख हुआ था बवाल
तीन नवंबर 2020 को विधानसभा चुनाव के दौरान भीखनपुर के समीप चलंत मतदान केंद्र के दंडाधिकारी, पुलिस पार्टी को नगर विधायक और तब प्रत्याशी रहे अजीत शर्मा लाव-लश्कर के साथ शाम साढ़े चार बजे घेराबंदी कर ली थी। तब शर्मा ने चलंत मतदान केंद्र के साथ चल रहे दंडाधिकारी बाल्मीकि कुमार से पूछा था कि उनकी गाड़ी में इवीएम कैसे रखी हुई है।
दंडाधिकारी ने तब समझाने का प्रयास किया था कि वह चलंत मतदान केंद्र आकस्मिक सेवा के लिए इवीएम रखा जाता है। हम सेक्टर पार्टी हैं। जरूरत पड़ने पर उसे मतदान केंद्र पर मुहैया कराते हैं। लेकिन वहां सभी हंगामा करने लगे थे। विधायक अजीत शर्मा को भी सत्यता की जानकारी तब दी गई थी, लेकिन वह भी अपने समर्थकों के साथ बहस करने लगे थे। उस दौरान कई वरिष्ठ अधिकारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे थे और उन्हें भीड़ के बीच से इवीएम और गाड़ी के साथ सुरक्षित बाहर निकाला।
तब तक कई सामाजिक एवं स्थानीय लोग भी वहां पहुंच गए थे। जिनसे संपर्क कर उपद्रव करने वाले लोगों में से भीखनपुर गोल टोला निवासी मुहम्मद फैयाज उर्फ राजू सीमेंटवाला, उसका भाई मुहम्मद आजाद, मुहम्मद मिस्टर के अलावा टैंक लेन भीखनपुर निवासी मुन्ना, मुहम्मद सिंटू, छोटी मस्जिद निवासी मुहम्मद नियाज आदि की पहचान की गई थी। कई अज्ञात के विरुद्ध भी दंडाधिकारी के रूप में मौजूद आइटीआइ के निदेशक मुंगेर निवासी बाल्मीकि कुमार ने इशाकचक थाने में केस दर्ज कराया था।