गोपालगंज के धर्मदेव राम का दावा है कि वो पिछले 22 सालों से नहीं नहाए हैं। नहीं नहाने के चलते उनकी नौकरी पर बन आई। उन्होंने नौकरी छोड़ दी, लेकिन नहाए नहीं। वो बताते हैं कि उनकी पत्नी की मौत हो गई, 2-2 बेटे भी गुजर गए, लेकिन वो नहीं नहाए।

मांझा प्रखंड के बैकुंठपुर गांव के 62 साल के धर्मदेव राम का कहना है कि उन्होंने प्रतिज्ञा ली है जब तक महिलाओं के साथ अत्याचार, जमीन विवाद और जीव हत्या खत्म नहीं होगी वो नहीं नहाएंगे।

धर्मदेव राम के गांव वाले और परिवार वाले भी बताते हैं कि वो पिछले 22 सालों से नहीं नहाए हैं। हैरान करने वाली बात ये है कि आप और हम 2-3 दिन भी ना नहाए तो बीमार सा लगता है। लेकिन धर्मदेव की उन्हें कोई बीमारी नहीं है। परिवार का भी यहीं दावा है।

धर्मदेव ने बताया कि ईश्वर के भक्ति से यह सब संभव हो पाया है। वर्ष 1987 में अचानक उन्हें ऐसा आभास हुआ कि जमीन विवाद, जीव हत्या और महिलाओं के साथ अत्याचार बढ़ने लगा है। इस बीच उन्होंने एक गुरु के साथ 6 महीने बिताएं और गुरुदक्षिणा ली। उन्होंने भगवान राम को अपना आदर्श मन और भक्ति मार्ग पर चलना शुरू कर दिया।

वर्ष 2000 में उन्होंने कोलकाता के जूट फैक्ट्री में अपनी नौकरी से रिजाइन कर दिया। परिवार के दबाव मे उन्होंने फिरसे फैक्ट्री की नौकरी को जॉइन कर ली। इसके बाद उन्होंने नहीं नहाने की ठानी। फैक्ट्री प्रबंधन को जब इसकी जानकारी हुई तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया।

वर्ष 2003 में अपनी पत्नी माया देवी के देहांत होने पर भी उन्होंने स्नान नहीं किया। अपने दो बेटों की मौत पर भी वो नहीं नहाए। धर्मदेव ने कहा कि जब तक महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार, जमीन विवाद और जीव हत्या जैसे काम खत्म नही होंगे तब तक वह नहीं नहाएंगे। स्थानीय लोगों के द्वारा भी उनके न नहाने वाली बात की कही गई है।

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