अनुराग कुमार अनु के एकल अभिनय और रितेश रंजन द्वारा निर्देशित इस नाटक को लोगों ने खूब सराहा

आज संबंध भागलपुर के बैनर तले हरिशंकर परसाई द्वारा रचित नाटक “मैं नर्क से बोल रहा हूँ” का सफ़ल मंचन किया गया।नाटक का प्रदर्शन राजबाटी लेन,आदमपुर स्थित चाँद परिसर में हुआ ।कार्यक्रम का शुभारंभ परम्परागत विधि से दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। शहर के अनुभवी रंगकर्मी एवं संबंध भागलपुर के सचिव रितेश रंजन द्वारा निर्देशित इस एकल नाटक में अनुलय कुमार अनु ने अपने शानदार अभिनय के माध्यम से दर्शकों को अंत तक बांधे रखा ।

नाटक में पार्श्व संगीत की ज़िम्मेदारी ऋषभ कश्यप ने बखूबी निभाई एवं प्रकाश संचालन कर सुमित कुमार मिश्रा ने हर दृश्य को और भी असरदार बना दिया ।रूप सज्जा- खुशी कुमारी,प्रोडक्शन मैनेजमेन्ट- नितीन अनिमेष, स्टेज एवं सेट मैनेजमेंट- गोविंद निराला,विपिन और बिट्टू ने किया।

हरिशंकर परसाई द्वारा रचित इस नाटक में आम लोगों के दर्द और दो वक़्त की रोटी के लिए उनके संघर्ष को काफ़ी रोचक ढंग से निर्देशक रितेश रंजन ने दर्शकों के आगे पड़ोसा ।एक गरीब ईमानदार आदमी लाचारीवश भूख से मरकर जब नर्क पहुँचता है तो वहाँ न्याय की भीख माँगने ईश्वर से मिलने जाता है

लेकिन वहाँ भी उसे निराशा ही हाथ लगती है।यह सम्पूर्ण घटना नाटक को अत्यंत प्रभावशाली तथा आकर्षक बनाती है।नाटक में कई ऐसे व्यंग्यात्मक दृश्य और संवाद आते हैं जो हमें सामाजिक कुरीतियों पर गंभीर चिंतन करने के लिए विवश कर देते हैं। नाटक में प्रत्येक संवाद के मर्म को अभिनय की बारीकियों द्वारा बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत किया गया और दर्शकों ने भी तालियों की गड़गड़ाहट से इस प्रस्तुति को ख़ूब सराहा ।

सुनील जैन ने बेहद सहजता एवं सरलता के साथ शानदार मंच संचालन कर कार्यक्रम को सफ़लता की ओर बढ़ाया ।इस मौके पर वरिष्ठ रंगकर्मी मनोज सिंह, डॉ. चन्द्रेश,शिक्षाविद के. के. सिंह,डॉ. देबज्योति मुखर्जी,सितार गुरु प्रवीर ,भानु प्रताप सिंह,मिथिलेश कुमार, निभाष मोदी, बिक्रम,वर्षा रानी, डॉ. चैतन्य प्रकाश,श्वेता भारती,चन्दन ठाकुर,विकास कुमार,डॉ. मंजीत किनवर,पूर्णेन्दु,उदय चटर्जी,इकराम शाद,साहिल राज,संजीव संगम,आलोक चौधरी,।इनके अलावा संबंध भागलपुर के अन्य कलाकार रानी,संजय,निधि,पंकज आदि शहर के गणमान्य लोग मौजूद थे ।

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