बिहार के छपरा से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. दरअसल यहां एक मां की ममता शर्मसार हुई है. छपरा में मां और नानी ने मिलकर 3 साल की एक मासूम बच्ची को कथित रूप से जमीन में गाड़ दिया और बाद में बचने के लिए सबूत मिटाने की कोशिश की. आरोप है कि जमीन में गाड़ने से पहले दोनों ने बच्ची को गला दबाकर मारने की कोशिश की और उसे मृत समझकर जमीन में गाड़ दिया. लेकिन, कहा जाता है ना कि ‘जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय’. गला दबाकर जमीन के नीचे मिट्टी में गाड़ने के बावजूद 3 साल की मासूम की जान बच गई.
मां और नानी ने मासूम को जमीन में गाड़ा
बता दें कि ये खौफनाक घटना छपरा के कोपा में हुई. यहां तीन साल की बच्ची को जान मारने की नियत से गला दबाकर जमीन में गाड़ दिया गया. बच्ची ने जब शोर मचाया तो बेरहमी से उसके मुंह में मिट्टी भर दी गई. गौरतलब है कि ये करतूत किसी गैर ने नहीं बल्कि उसकी ही सगी मां और नानी ने की. लेकिन भगवान को तो कुछ और ही मंजूर था.
जमीन के अंदर से आई सिसकने की आवाज
आरोप के मुताबिक, मां और नानी ने बच्ची को कोपा में मरहा नदी के किनारे कब्रिस्तान में गाड़ दिया. जब वहां लकड़ी चुनने वाली महिलाएं पहुंची तो उन्होंने देखा कि मिट्टी हिल रही है. जमीन के अंदर से सिसकने की आवाज आ रही है. पहले तो वो डर गईं और भूत-भूत कहकर शोर मचाने लगीं. इसके बाद स्थानीय लोग मौके पर जमा हुए और खुदाई की.
जिंदा बच्ची जमीने के नीचे से निकली
खुदाई करने पर जमीन के नीचे से 3 साल की जिंदा बच्ची निकली. फिर ग्रामीणों ने इस घटना की सूचना पुलिस को दी. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और मामले की छानबीन शुरू की. बच्ची को ग्रामीणों ने जमीन से निकालकर पानी पिलाया. जख्मी हालत में वह ग्रामीणों को मिली. इसके बाद कोपा पुलिस ने बच्ची को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेज दिया.
पुलिस को बच्ची ने अपना नाम लाली बताया है. वह अपने गांव का नाम नहीं बता पा रही है. उसने सिसकते हुए बताया कि मेरी मां और नानी ने मिट्टी में गाड़ दिया. कोपा पुलिस ने बताया कि बच्ची के परिजनों का पता लगाया जा रहा है. बच्ची का इलाज आशा कार्यकर्ता की देखरेख में कराया जा रहा है.