झारखंड की पूर्व राज्यपाल और आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू आगामी राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार होंगी। भाजपा की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था, संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने उनकी उम्मीदवारी की घोषणा की। ओडिशा में सिंचाई और बिजली विभाग में एक कनिष्ठ सहायक से लेकर भाजपा के नेतृत्व वाले राजग की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार नामित होने तक का सफर आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू के लिए बेहद लंबा और मुश्किल सफर रहा है। निर्वाचित होने पर मुर्मू आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाली भारत की पहली राष्ट्रपति होंगी।

सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि उन्हें ओडिशा के सभी दलों के सांसदों और विधायकों का समर्थन मिलने की उम्मीद है क्योंकि वह उस प्रदेश की बेटी हैं। जनजातीय नेता से राज्यपाल तक का सफर तय करने वाली मुर्मू ने कहा कि उन्हें टीवी के जरिये जानकारी मिली कि उन्हें राजग की ओर से देश के सर्वोच्च पद का प्रत्याशी घोषित किया गया है।

मुर्मू ने रायरंगपुर में अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा, “मैं आश्चर्यचकित और खुश हूं। मयूरभंज जिले से आने वाली एक आदिवासी महिला के रूप में मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे इस पद का उम्मीदवार बनाया जाएगा।” उन्होंने कहा कि राजग सरकार ने आदिवासी महिला का चयन कर के भाजपा के नारे “सबका साथ सबका विश्वास” को सिद्ध कर दिया है।

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें बीजू जनता दल (बीजद) का समर्थन मिलेगा, मुर्मू ने कहा, “मुझे आशा है कि मुझे ओडिशा के सभी विधायकों और सांसदों का समर्थन प्राप्त होगा।” राष्ट्रपति चुनाव के लिए इलेक्टोरल कॉलेज में बीजद के पास 2.8 प्रतिशत से ज्यादा मत हैं। उन्होंने कहा, “मैं इस प्रदेश की बेटी हूं। मुझे एक ओड़िया होने के नाते सबसे यह अनुरोध करने का अधिकार है कि मेरा समर्थन करें।”

संथाल समुदाय में जन्मी मुर्मू ने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत के सदस्य के रूप में की थी और आगे बढ़ते-बढ़ते 2000 में बीजद-भाजपा गठबंधन सरकार में मंत्री बनीं और 2015 में झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बनीं। रायरंगपुर सीट से दो बार विधायक रह चुकीं मुर्मू 2009 में उस वक्त भी अपनी सीट से जीती थीं जब बीजद ने चुनाव से कुछ ही सप्ताह पहले भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया था। इस चुनाव में बीजद को भारी जीत मिली थी।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *