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पूर्वोत्तर भारत इन दिनों प्राकृतिक आपदा के विकराल रूप का सामना कर रहा है। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश और इसके कारण आई बाढ़ व भूस्खलन ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। सिक्किम, असम, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में हालात गंभीर बने हुए हैं। लोगों की जान और माल पर संकट गहराता जा रहा है। सड़कों का संपर्क टूट गया है, राहत और बचाव कार्यों में बाधाएं आ रही हैं, और मौसम विभाग ने अभी और बारिश की चेतावनी दी है। आइए विस्तार से जानते हैं कि कहां कैसी है स्थिति।


सिक्किम में सेना पर कहर: तीन जवान शहीद, छह लापता

सिक्किम के लाचेन इलाके में सोमवार को एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ जब छतेन क्षेत्र में सेना का एक शिविर भारी भूस्खलन की चपेट में आ गया। यह हादसा तब हुआ जब इलाके में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही थी। इस दुर्घटना में सेना के तीन जवान शहीद हो गए हैं, जबकि छह अन्य जवान अब भी लापता हैं। राहत की बात यह रही कि चार जवानों को सुरक्षित बचा लिया गया है। शहीद जवानों के शव बरामद कर लिए गए हैं, और लापता जवानों की तलाश के लिए सेना व राज्य आपदा राहत बल (SDRF) की टीमें लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही हैं।

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हजार से ज्यादा पर्यटक फंसे, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

भारी बारिश और भूस्खलन के कारण सिक्किम के कई क्षेत्रों का संपर्क देश के अन्य हिस्सों से कट गया है। खासकर लाचेन, लाचुंग और नाथुला जैसे पर्यटन स्थलों पर करीब 1,000 से अधिक पर्यटक फंसे हुए हैं। भारतीय सेना, ITBP और आपदा प्रबंधन विभाग की टीमें लगातार राहत कार्यों में जुटी हुई हैं। लेकिन खराब मौसम और लगातार हो रही बारिश से राहत कार्यों में काफी दिक्कतें आ रही हैं। बचावकर्मी पहाड़ी इलाकों में जान जोखिम में डालकर फंसे लोगों को बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं।


असम: जलप्रलय का संकट, अब तक 10 मौतें

असम में हालात चिंताजनक हैं। राज्य के कई जिले भारी बारिश और बाढ़ की चपेट में हैं। ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों के उफान पर आने से कई गांव जलमग्न हो गए हैं। अब तक राज्य में 10 लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग अपने घरों से बेघर होकर राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं। धेमाजी, जोरहाट, नगांव, और बारपेटा जैसे जिलों में बाढ़ का प्रभाव सबसे ज्यादा देखा गया है। स्कूलों को बंद कर दिया गया है और प्रशासन ने आपातकालीन सेवाएं सक्रिय कर दी हैं।

मिजोरम: भूस्खलन ने बढ़ाई मुसीबत, स्कूल बंद

मिजोरम में भी स्थिति अत्यंत गंभीर बनी हुई है। लगातार बारिश के कारण पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और मिट्टी धंसने के कई मामले सामने आए हैं। कई सड़कों पर यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है। आम लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने सभी स्कूलों को बंद करने के निर्देश दिए हैं। लुंगलेई, आइजोल और चंपाई जिलों में सबसे ज्यादा नुकसान की खबरें आ रही हैं।


अरुणाचल प्रदेश: एयरलिफ्ट कर बचाए गए 14 लोग

अरुणाचल प्रदेश की दिबांग घाटी में बाढ़ ने स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बोमजीर नदी के किनारे फंसे 14 लोगों को भारतीय वायुसेना के Mi-17 हेलीकॉप्टर की मदद से एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। यह ऑपरेशन बेहद जोखिम भरा था क्योंकि मौसम बेहद खराब था और इलाके की भौगोलिक स्थिति चुनौतीपूर्ण थी। फिर भी वायुसेना की तत्परता और साहसिक प्रयासों से सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।


आगे की रणनीति और सरकार की तैयारी

इन राज्यों में हालात सामान्य करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर प्रयास कर रही हैं। सेना, वायुसेना, NDRF और SDRF की टीमें लगातार राहत एवं बचाव कार्यों में लगी हुई हैं। केंद्र सरकार ने प्रभावित राज्यों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए हैं।

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों तक बारिश जारी रह सकती है, जिससे स्थिति और बिगड़ने की आशंका है। ऐसे में प्रशासन की चुनौती और बढ़ गई है। फिलहाल प्राथमिकता लोगों की जान बचाने और राहत सामग्री पहुंचाने की है।


निष्कर्ष

पूर्वोत्तर भारत की प्राकृतिक सुंदरता इन दिनों प्रकृति के कहर से तबाह हो रही है। सिक्किम में सेना के जवानों की शहादत, असम और मिजोरम में जनजीवन का संकट, और अरुणाचल में चल रहे खतरनाक रेस्क्यू ऑपरेशन हमें यह याद दिलाते हैं कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए हमारी तैयारी और त्वरित प्रतिक्रिया कितनी महत्वपूर्ण है। अभी राहत कार्य जारी हैं, लेकिन आगे का रास्ता भी आसान नहीं होगा। प्रशासन और आम नागरिकों को मिलकर इस चुनौती से निपटना होगा।

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