बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले कांग्रेस पार्टी के भीतर गहमागहमी और आंतरिक कलह खुलकर सामने आने लगी है। रविवार को पटना एयरपोर्ट पर उस समय अफरातफरी मच गई जब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, विधायक दल के नेता शकील अहमद खान और बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु के स्वागत के लिए पहुंचे कांग्रेस कार्यकर्ता और पप्पू यादव समर्थक आपस में भिड़ गए।
जानकारी के अनुसार, एयरपोर्ट पर दोनों गुटों के बीच पहले मामूली नोकझोंक हुई, लेकिन देखते ही देखते मामला हाथापाई तक पहुंच गया। कांग्रेस नेताओं ने दोनों पक्षों को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन विवाद बढ़ता ही चला गया। इसी दौरान हुई धक्का-मुक्की में शकील अहमद खान की गाड़ी भी क्षतिग्रस्त हो गई।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आरोप है कि विक्रम विधानसभा सीट को पैसे लेकर किसी और को दे दिया गया है, जबकि स्थानीय कार्यकर्ताओं ने वहां से टिकट की उम्मीद की थी। कुछ कार्यकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि यह सीट 5 करोड़ रुपये में बेची गई है। इस विवाद ने कांग्रेस नेतृत्व की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, क्योंकि टिकट बंटवारे को लेकर असंतोष पार्टी के अंदर गहराने लगा है।
विवाद के दौरान तीनों नेता—राजेश राम, शकील अहमद और कृष्णा अल्लावरु—सुरक्षा कर्मियों की मदद से किसी तरह वहां से बाहर निकले। घटना के बाद सोशल मीडिया पर इसका वीडियो तेजी से वायरल हो गया है, जिसमें कार्यकर्ता एक-दूसरे पर चिल्लाते, नारे लगाते और धक्का-मुक्की करते नजर आ रहे हैं।
वीडियो में कई कार्यकर्ता आरोप लगाते दिखे कि अगर विक्रम विधानसभा सीट पर “जमीनी कार्यकर्ता” या “पुराने नेता” को टिकट नहीं दिया गया, तो वे कांग्रेस कार्यालय के सामने धरना देंगे। यह बयान पार्टी में बढ़ती नाराजगी और असंतोष की झलक भी दिखाता है।
बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी। वहीं, कांग्रेस नेतृत्व ने संकेत दिया है कि टिकट बंटवारे में पारदर्शिता बरती जाएगी और सभी जिलों में असंतुष्ट कार्यकर्ताओं से संवाद किया जाएगा।
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 17 अक्टूबर है, और कांग्रेस अभी तक अपने सभी उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं कर पाई है। ऐसे में टिकट को लेकर मचे घमासान ने पार्टी की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
