सहरसा जिला जहाँ सहरसा के बंदीगण ने माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश, सहरसा को आवेदन देकर जान- माल के सुरक्षा की गुहार लगाई है, आवेदन में बताया गया है

की संध्या लगभग 5 बजे एक नंबर वॉर्ड में कुछ सिपाहियों और बंदियों के बीच न जाने किस बात को लेकर विवाद हुआ कि अचानक जेल गेट से स्पीकर द्वारा एनाउंस किया गया कि यहां- वहां घूमने वाले सभी बंदीगण अपने- अपने बैरेक में बंद हो जाएं।
एनाउंसमेंट के अनुसार जब हम लोग अपने- अपने बैरकों में बंद हो गए तो अधीक्षक की उपस्थिति में कुछ देर बाद मुख्य कक्षपाल श्री अशोक कुमार सिंह दर्जनों की संख्या में बीएमपी, गृह रक्षा वाहिनी और जेल पुलिस के साथ आए और एक- एक वार्ड को खुलवा- खुलवाकर लगभग सौ से ज्यादा बंदियों को बेरहमी से मार- पीट कर गंभीर रूप से ज़ख्मी बना दिया। ये लोग ग्रुपों में बंट कर दरिंदों की तरह निर्दोष बंदियों पर अमानुषिक अत्याचार ढा रहे थे। जुनून में ये किसीको को बख्शने के मूड में नहीं थे।

जेल में इन दिनों ड्रग्स माफियाओं का समानांतर साम्राज्य है। कुछ अधिकारी और बड़ा जमादार अशोक कुमार सिंह, उच्च कक्षपाल सत्यदेव प्रसाद ,गेट वॉर्डर रमेश कुमार, कक्षपाल संजीत यादव, अमित कुमार , रणवीर यादव, प्रदीप कुमार की मिली भगत से यहां गांजा, अफीम, कोरेक्स, ब्राउन शुगर, स्मैक का धंधा धड़ल्ले से चलाए जा रहा है। 80/85%से ज्यादा बंदी आज यहां नशे का शिकार है।

हमारे प्रताड़ना के पीछे का कारण यह है कि भले लोगों द्वारा मुख्य उच्च कक्षपाल अशोक कुमार सिंह सहित इनलोगो द्वारा ड्रग्स माफियाओंकी मिलीभगत से अवैध सामानो की बिक्री का विरोध।
नए अधीक्षक के पदस्थापन बाद ड्रग्स माफियाओं के इशारे पर जेल में विगत एक सप्ताह में दो बार 4/9/22 और 8/9/22 को अकारण बाहरी पुलिस बल घूसाकर निरपराध बंदियों को बेरहमी से मार- पीट कर मुंह बंद कराने की कोशिशें की गईं।कई दिन बीत जाने के बाद भी आज तक उनके उचित इलाज नहीं कराए गए न ही उन्हें कोर्ट उपस्थापान कराया गया।
नाबालिग बच्चों, बूढ़ों, अस्पताल में भर्ती मरीजों को भी बक्सा नहीं गया। जिनमें अस्पताल में भर्ती पेसेंट अनिल कुमार राय का बायां हाथ, जिसमें पहले से स्टील लगा था, मार कर ज़ख्मी कर दिया गया। सुशील राय के हाथ पर भी गंभीर चोटें हैं।
वार्ड सं-6 और 14 के क्रमशः पुरुषोत्तम यादव और प्रशांत कुमार के जिसके बाएं हाथ और बांए पैर में स्टील लगे थे, पीट कर घायल कर दिया गया।
‘चिल्ड्रेन वार्ड’ के उत्कर्ष सिंह, सत्यम सिंह, कृष्णा कुमार, नितेश यादव, आशीष शर्मा, अभिषेक पंडित, श्याम रजक, पप्पू यादव, बिट्टू यादव, आनंद साह, अनिकेत कुमार, आज़ाद खान, आशीष मिश्रा,आदि को बच्चों के लिए आरक्षित वार्ड नं- 14 में घुस कर अमानुषिक रूप से पीटा गया । सिपाही के साथ कुछ बंदियों द्वारा अभद्रता का इल्ज़ाम लगा कर वार्ड नंबर- 1 को खुलवाकर सबसे ज्यादा तांडव और मारपीट की गई। जिसमें एक दर्जन से अधिक लोगों के सर, पांव गर्दन, रीढ़ की हड्डी, किडनी,हाथों के ज्वाइंट को निशाने बना- बनाकर मारे गए। जिनमें पिंटू सिंह, नीतीश शर्मा, प्रणव तिवारी, बाना ठाकुर, रूपेश सिंह उर्फ मंगल, गोलू राम, सतीष साह, मनीष साह, प्रदीप यादव, श्रीकांत पासवान, संजीव यादव, आदित्य यादव, भोलू साह, विनोद साह, गोलू यादव, हेमंत चौधरी, राजदीप चौधरी, मनीष यादव, चांद चौधरी, सौरव कुमार गुप्ता, सुमन गुप्ता, मो. अताबुल आदि बुरी तरह ज़ख्मी हैं। उनमें से एक यूपी के मुनींद्र सिंह की हालत तो सबसे खराब है ,मार पीट के दौरान जिसके हाइड्रोसील पर गंभीर चोटें हैं।
वार्ड नं- 2 के धीरज शर्मा, सूरज सिंह, जैबिन यादव, रिक्कू यादव, सचिन साह, रवि सिंह, सूचित यादव, रिंकू यादव, नितेश सिंह।वार्ड नं-4से मो सोएव को मार पीट में गंभीर चोटें आईं हैं।
वार्ड नं-5 के देवानंद यादव को अकारण वार्ड खुलवाकर हाथ तोड़ दिए गए, कमर, जांघ, घुटने पर निर्ममता से पीटा गया। इस वार्ड के रामचंद्र सहनी, पवन साह, प्रमोद साह, नीतीश कुमार सिंह, लव कुश कुमार को भी गंभीर चोटें आईं हैं।
वार्ड नं-6से अखिलेश यादव, ऋतिक रोशन भगत, सुमित यादव, मुकेश यादव, ललन यादव, शिकेन यादव दिलीप मुखिया घायल हैं।
वार्ड नं-7 के विकास यादव, गोलू यादव, वार्ड नंबर 10 के रौशन यादव, मंजय राम,वार्ड नं 11 के छवि लाल यादव, 12 के मनोहर मेहता, सूरज दास, अंशु यादव आदि की हालत भी गंभीर है।
अमानवीयता की अति तो तब हो गई जब उपरोक्त घटना को दबाने और कैदियों को भयाक्रांत करने के लिए बगैर संबंधित कोर्ट का आदेश लिए और कारा हस्तक के अनुसार बिना परिजनों को सूचित किए इनमे से कइयों को रात के अंधेरे में बैरकों से निकाल कर बुरी तरह मार- पीट कर केंद्रीय कारा, पूर्णिया ट्रांसफर कर दिया गया। ट्रांसफर बंदियों के परिजनों से मिली जानकारी अनुसार सहरसा जेल प्रशासन के इशारे पर केंद्रीय कारा, पूर्णिया में उपाधीक्षक की उपस्थिति में कक्षपालों द्वारा अभिजीत सिंह, विजय ठाकुर, मो. सीटी एवं विशाल सिंह को बेरहमी से मार- पीटकर सेल में डाल दिया गया।
अतः श्रीमान से नम्र निवेदन है कि हमें शीघ्र कोर्ट बुला कर हमारे साथ हुए अमानवीय घटना को अपनी आंखों से देखा जाए तथा हमारे द्वारा बताई गई उपरोक्त बातों की गहराई से छान- बीन कर सच्चाई से अवगत हों और अपने स्तर से शीघ्र समुचित कार्रवाई की कृपा करें। ड्रग्स माफियाओं और इस कारोबार में संलिप्त काराकर्मियो को चिंहित कर यहां से तबादला किया जाए,वरना इस जेल में किसी की इज़्जत और जान- माल सुरक्षित नहीं है।
विश्वास भाजन –
मंडल कारा,

By Indradev Kumar

Patrakar

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