जमाबंदीजमाबंदी

सरकार के द्वारा दाखिल खारिज को लेकर जो से नए नियम लागू किए गए हैं उसमें कहा गया है कि संयुक्त जमाबंदी में एक पक्ष की मनमानी नहीं चलेगी, और सभी हिस्सेदारों के अधिकारों की समानता और सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी
अगर आप रैयत हैं और आपके नाम से कोई जमीन संयुक्त जमाबंदी में दर्ज है, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम हो सकती है. कई बार ऐसा देखा गया है कि संयुक्त जमाबंदी के मामले में एक पक्ष के द्वारा चुपके से दूसरे पक्ष के हिस्से के भी जमीन को बेच दिया जाता था और उसकी दाखिल खारिज करवा दी जाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा. सरकार के द्वारा दाखिल खारिज को लेकर जो से नए नियम लागू किए गए हैं उसमें कहा गया है कि संयुक्त जमाबंदी में एक पक्ष की मनमानी नहीं चलेगी, और सभी हिस्सेदारों के अधिकारों की समानता और सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी.

जमाबंदी

क्या है संयुक्त जमाबंदी की समस्या?संयुक्त जमाबंदी एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें एक ही जमीन पर कई व्यक्तियों के मालिकाना हक होते हैं. यह अक्सर उन जमीनों पर होता है जिनमें एक ही परिवार या वंशजों के नाम पीढ़ियों से दर्ज होते आए हैं. इसमें जमीन के मालिकों के नाम एक ही जमाबंदी में लिखे होते हैं, लेकिन समस्या तब खड़ी होती है जब इनमें से कोई एक पक्ष अपनी ताकत या प्रभाव के चलते पूरी जमीन पर हक जमाने की कोशिश करता है.

कई बार ग्रामीण क्षेत्रों में इसका फायदा उठाकर शक्तिशाली पक्ष कमजोर हिस्सेदारों को उनके हक से वंचित कर देता है. कई शिकायतें आती हैं जहां एक ही हिस्सेदार जमीन पर कब्जा जमा लेता है और बाकी हिस्सेदारों को कोई अधिकार नहीं देता. इससे न केवल विवाद बढ़ते हैं, बल्कि पारिवारिक झगड़ों का भी जन्म होता है.बिना नोटिस नहीं किया जायेगा दाखिल खारिज दाखिल खारिज के नए नियमों में अब संयुक्त जमाबंदी के मामलों में हर हिस्सेदार के अधिकारों का कड़ाई से पालन होगा और कोई भी एक पक्ष मनमानी नहीं कर सकेगा. नए नियमों के अनुसार यदि किसी पक्ष द्वारा संयुक्त जमाबंदी की जमीन बेची जाती है तब संयुक्त जमाबंदी में बाकी के हिस्सेदारों को भी नोटिस देकर बुलाया जाएगा और उनसे भी जमीन के बारे में जानकारी ली जाएगी. अगर अंचलाधिकारी को शक होता है तो वह इस आधार पर भी दाखिल खारिज को निरस्त कर देंगे और इसके साथ ही उसे दोबारा रैयत के लॉगिन में भेजा जाएगा. जहां से सुधार के बाद उन्हें बाकी के हिस्सेदार की स्वीकृति के साथ ही दाखिल खारिज के लिए आवेदन करना होगा

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