नवगछिया के गोपालपुर प्रखंड के बिंद टोली बांध टूटने के बाद स्थिति भयावह होती जा रही है। चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है। यहां पर अभी भी गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
गंगा की तेज धारा में बहे चीफ इंजीनियर
हालांकि, इस बीच एक बड़ी खबर आ रही है कि नवगछिया के इस्माइलपुर बिंदटोली के ध्वस्त तटबंध का मुआयना करने के दौरान कटिहार के मुख्य अभियंता बाढ़ में बह गये। वे ध्वस्त तटबंध का मुआयना करने के दौरान गंगा नदी की तेज धारा में बह गए। हालांकि, तुरंत ही SDRF की टीम ने उन्हें बचा लिया। फिलहाल चीफ इंजीनियर सुरक्षित हैं।
तटबंध का मुआयना करने के दौरान हुआ हादसा
आपको बता दें कि फ्लड फाइटिंग डिवीजन कटिहार के मुख्य अभियंता अनवर जमील लगातार कैंप कर रहे हैं। गौरतलब है कि बांध टूटने से सैकड़ों परिवार बेघर हो गए हैं तो वहीं सैकड़ों लोग अभीतक पलायन कर चुके हैं। बता दें कि साल 2008 में बिहार सरकार ने इस बांध को बनाने के लिए 44 करोड़ खर्च किए थे और इस साल यानी साल 2024 में बांध की मरम्मती के लिए 15 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इसके बावजूद भी यह बांध टूट गया।
सैकड़ों एकड़ में लगी फसल नष्ट
इस बांध के टूटने से जहां कई एकड़ में लगी किसानों की फसल नष्ट हो गयी है तो किसानों के लिए मवेशियों को चारा खिलाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जल संसाधन विभाग द्वारा बांध का जो निर्माण कराया गया था, वहां के ग्रामीण का साफ तौर पर कहना है कि बांध के निर्माण में विभाग द्वारा घोर लापरवाही बरती गई थी।
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