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भागलपुर माँ जिंदगी का बिस्वास होती है माँ जीबन का सहारा होती है माँ जीबन की आस होती माँ जीबन की सार होती है लेकिन दुनिया मे कुछ ऐसे भी बच्चे भी होते जिन्हें माँ का प्यार नहीं मिल पाता है लेकिन कुछ ऐसे भी बच्चे है जिन्हें माँ का भरपूर प्यार तो मिला है लेकिन अपने सोशल स्टेटस दिखाने धरेलू बिबाद के चलते अपने बूढ़ी माँ को अपने परिवार से दूर बेनामी गुमनामी की जिंदगी जीने को मजबूर कर किसी ना किसी बृद्धा आश्रम मे छोड़ आते है

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लेकिन माँ तो माँ होती है शायद माँ ऐसा कभी नहीं सोचती उसके मन बच्चे के लम्बी उम्र और तरक्की के प्रति सदा भाव बना रहता है शायद यही भाव लेकर भागलपुर मे संचालित बृद्धा आश्रम मे बिहार का लोक पर्ब जितिया आश्रम मे रह रही महिलाये अपने बच्चे के लिए मना रही और उम्र के अंतिम पड़ाव पर भी निर्जला उपवास रखकर अपने बच्चे की लंबी उम्र की कामना कर रही है

भागलपुर के नाथनगर मे समाज कल्याण बिभाग बिहार द्वारा बृद्धा आश्रम संचालित है जिसमे पचिस बृद्ध महिलाये रह रही इसमें कई महिलाये जितिया पर्ब कर रही ब्रत कर रही महिलाओ ने बताया की बच्चे हमें यहां भेजकर अगर खुश है तो हमें भी ख़ुशी है लेकिन हम अपना फर्ज कभी नहीं भूल सकते हम अपने बच्चों के दिर्धयु के लिये सदैब कामना करते रहेंग

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