अक्टूबर 2022 से आम लोगों को कमरतोड़ महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद है. ये भरोसा जताया है भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास ने. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी छमाही ( अक्टूबर से मार्च के बीच) में महंगाई में कमी आने की उम्मीद है जिससे अर्थव्यवस्था की दिक्कतें कम होंगी. उन्होंने संकेत दिए कि महंगाई में कमी आने पर आरबीआई को कठोर मॉनिटरी पॉलिसी वाले फैसले लेने की दरकार नहीं पड़ेगी.

आरबीआई गर्वनर ने कहा कि मौजूदा समय में सप्लाई आउटलुक बेहतर नजर आ रहा है और सभी इंडेक्टर्स वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही अप्रैल से जून के बीच  अर्थव्यवस्था की बेहतर रिकवरी के संकेत दे रहे हैं. और हमारा अनुमान है कि 2022-23 की दूसरी छमाही में महंगाई में कमी आ सकती है.

दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों को सप्लाई चेन में दिक्कतों, कमोडिटी दामों में तेजी और रूस के यूक्रेम पर हमले से पैदा हुए दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है. भारत में इन कारणों के चलते महंगाई दर इस वर्ष के शुरुआत से ही आरबीआई के टोलरेंस लेवल 6 फीसदी से ज्यादा रहा है जिसके चलते आरबीआई को 90 बेसिस प्वाइंट रेपो रेट को बढ़ाना पड़ा है. आरबीआई ने अपने महंगाई दर के अनुमान को 5.7 फीसदी से बढ़ाकर 6.7 फीसदी कर दिया है.

बहरहाल आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास के इस बयान से उन लोगों को जरुर राहत मिली होगी जो महंगे होते कर्ज के चलते महंगी ईएमआई से परेशान हैं. साथ ही इस बयान के बाद आने वाले दिनों में ब्याज दरों के महंगे होने की संभावना पर पानी फिर सकता है. अगस्त महीने में आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक होने वाली है जिसमें कई जानकार आरबीआई द्वारा फिर से रेपो रेट बढ़ाने की आशंका जाहिर कर रहे हैं. लेकिन आरबीआई गर्वनर के ताजा बयान से ऐसी आशंकाओं पर पानी फिर सकता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *