देश में राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है. जिसको लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. बता दे कई दिनों से यह चर्चा का विषय बना हुआ था कि विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार आखिर कौन होगा. लेकिन अब इन अटकलों पर विराम लग गया है. जी हाँ विपक्षी दलों की ओर से मंगलवार को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर हुई बैठक में अहम फैसला हुआ है.
विदित हो, पिछले हफ्ते केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने मल्लिकार्जुन खड़गे, अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी नेताओं के साथ संपर्क साधा था. बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी कई विपक्ष के नेताओं से बातचीत की थी. लेकिन तब भी सरकार की ओर से कोई नाम विपक्ष के सामने नहीं रखा गया था. सत्तारूढ़ बीजेपी की ओर से अभी भी कोई अधिकृत नाम राष्ट्रपति पद के लिए नहीं पेश किया गया है.
सूत्रों के अनुसार विपक्षी दलों की इस बैठक में 13 दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे. इसमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत तमाम दल के प्रतिनिधि थे. इसको लेकर विपक्ष का कहना है कि आम राय से राष्ट्रपति का चुनाव किया जाए. मंगलवार शाम को बीजेपी संसदीय दल की बैठक भी होनी है, अब देखना होगा कि क्या सत्तारूढ़ दल की ओऱ से आज ही किसी नाम पर मुहर लगती है. नाम तय होने से पता चलेगा कि यशवंत सिन्हा के मुकाबले सरकार की ओर से किसे पेश किया जाता है.
बता दे इससे पहले य़शवंत सिन्हा को तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, इसके बाद से अटकलें लगाई जा रही थीं कि उन्हें प्रेसिडेंट पद के लिए विपक्ष का प्रत्याशी घोषित किया जा सकता है. विपक्ष ने संयुक्त बयान ने कहा, राष्ट्रपति चुनाव के लिए कायम हुई विपक्षी दलों की एकता आने वाले महीनों में और मजबूत होगी. वहीं विपक्ष के बयान में कहा गया है कि हम भाजपा और उसके सहयोगियों से राष्ट्रपति के रूप में यशवंत सिन्हा का समर्थन करने की अपील करते हैं ताकि हम एक योग्य ‘राष्ट्रपति’ को निर्विरोध निर्वाचित कर सकें.