आज चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अराधना की जाती है. मां ब्रह्मचारिणी को ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी माना जाता है. मां ब्रह्मचारिणी की कठोर साधना के वजह से ही उन्हें ब्रह्मचारिणी कहा गया है. मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से आलस्य, अहंकार, असत्य दूर भागता है और बुद्धि, विवेक व धैर्य में वृद्धि होती है.
आज पूजा करने का शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अराधना करें. मां ब्रह्मचारिणी की आराधना करने का शुभ मुहूर्त 23 मार्च की सुबह 6 बजकर 22 मिनट पर शुरू होगी और शाम 7 बजकर 54 मिनट तक रहेगा.
ऐसे करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
नवरात्रि के दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और घर के पूजा वाले स्थान पर आसन लगाकर बैठ जाएं. फिर मां ब्रह्मचारिणी का स्मरण करें और उन्हें फूलों की माला, अक्षत, रोली, चंदन अर्पित करें. इसके बाद मां को पंचामृत या पंचमेवा या फिर फल, बताशों आदि का भोग लगा दें और ‘ऊं ऐं नमः:’ मंत्र का 108 बार जाप कर लें. अंत में मां की आरती कर लें.
मां ब्रह्मचारिणी की आरती-
जय अम्बे ब्रह्मचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।।
जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।।
कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।।
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो तेरी महिमा को जाने।।
रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।।
आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।।