लोक आस्था के महापर्व *छठ* के सायं अर्घ्य के अवसर पर सहरसा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी *श्री आलोक रंजन* ने रविवार को सहरसा शहर के विभिन्न छठ घाटों का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने छठ व्रतियों से आशीर्वाद प्राप्त किया और सभी श्रद्धालुओं को छठ महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। घाटों पर श्रद्धा, आस्था और भक्ति का अनूठा संगम दिखाई दिया, जहां हजारों की संख्या में लोग अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने पहुंचे थे।

 

भ्रमण के दौरान श्री आलोक रंजन ने कहा कि *छठ महापर्व सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता का अनुपम संदेश देता है*। यह पर्व सूर्य उपासना के माध्यम से जीवन में अनुशासन, आभार और समर्पण की भावना को प्रकट करता है। उन्होंने कहा कि छठ बिहार की आत्मा में बसता है और यह हर बिहारी के जीवन का अभिन्न हिस्सा है।

 

भाजपा प्रत्याशी ने कहा कि प्रधानमंत्री *श्री नरेंद्र मोदी* के मार्गदर्शन और प्रेरणा से पूरे देश में छठ महापर्व अब अंतरराष्ट्रीय पहचान प्राप्त कर चुका है। उन्होंने कहा कि आज बिहार की अस्मिता को सम्मान देने का कार्य *एनडीए की सरकारें* कर रही हैं। रेलवे के डिब्बों से लेकर स्टेशनों तक और हवाई अड्डों से लेकर विमानों तक छठ के मधुर गीत गूंज रहे हैं। यह इस बात का प्रतीक है कि बिहार की संस्कृति और परंपरा को राष्ट्रीय मंच पर विशेष स्थान मिल रहा है।

 

उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री *नीतीश कुमार* के नेतृत्व में बिहार की एनडीए सरकार ने राज्यभर के छठ घाटों पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अभूतपूर्व व्यवस्था की है। सभी घाटों पर साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था, गोताखोरों की तैनाती, महिला चेंजिंग रूम और सुरक्षा बलों की मौजूदगी सुनिश्चित की गई है।

 

श्री रंजन ने कहा, *“छठ हमारे लिए केवल एक पर्व नहीं, बल्कि यह हमारी आस्था, संस्कार और एकता का प्रतीक है। छठी मैया की कृपा से इस बार भी एनडीए की ही विजय होगी। बिहार विकास, सम्मान और सांस्कृतिक गौरव के मार्ग पर आगे बढ़ेगा।”*

 

उन्होंने मिथिला के लोगों का उल्लेख करते हुए कहा कि हाल ही में सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में *मां सीता के भव्य मंदिर का शिलान्यास* हुआ है, जो हम सभी मिथिलावासियों के लिए गर्व की बात है। यह हमारी सांस्कृतिक जड़ों को पुनर्जीवित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।

 

भ्रमण के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। पूरा सहरसा शहर छठी मइया की भक्ति में डूबा रहा, जहां हर घाट से “जय छठी मइया” और “सूर्य देव की जय” के जयकारे गूंजते रहे।

 

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