बिहार के राज्य कर्मचारियों और अधिकारियों के प्रोन्नति यानी प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया है। नीतीश सरकार ने राज्यकर्मियों को दशहरे का तोहफा देते हुए उनकी प्रोन्नति का फैसला किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई बैठक में राज्य मंत्रिपरिषद ने इस प्रस्ताव पर सहम
राज्य सरकार ने सभी योग्य पदाधिकारियों और कर्मचारियों को वेतनमान समेत प्रमोशन की सारी सुविधाएं देने का फैसला लिया है। इसका लाभ कर्मचारी एवं अधिकारियों को दो महीने के भीतर दे दिया जाएगा। अब कैबिनेट फैसले के बाद मुख्य सचिव आमिर सुबहानी एक्टिव हो गए हैं। उन्होंने सभी विभागों को इस संबंध में निर्देश भी दे दिए हैं। उन्होंने अभी प्रमोशन के लिए रिक्त पड़े पदों की लिस्ट मांगी है। इसके बाद जल्द ही इसपर काम शुरू किया जाएगा।
नीतीश कैबिनेट के फैसला का सीधा लाभ तत्काल 76595 कर्मियों-अधिकारियों को होगा। कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने के कारण 11 अप्रैल 2019 से राज्यकर्मियों की प्रोन्नति रुकी हुई थी। पदोन्नति का निर्णय सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने तक तदर्थ आधार पर लागू होगा। आगे कोर्ट का फैसला ही मान्य होगा। यदि कोर्ट का फैसला पक्ष में नहीं आता है तो राज्यकर्मियों को पदावनत तो किया जाएगा, लेकिन उन्हें दी गई राशि की वसूली नहीं होगी।
इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने अस्थायी स्थानापन्न कार्यकारी व्यवस्था नियमावली 2023 की अधिसूचना जारी कर दी है। मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने सभी विभागों को प्रोन्नति प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने का निर्देश दिया है। मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद उन्होंने विभिन्न विभागों के साथ प्रोन्नति को लेकर बैठक की। दो माह के अंदर प्रमोशन प्रक्रिया पूरी करते हुए विभागों को वेतनमान सहित उच्चतर प्रभार देना होगा। दो महीने के बाद ये व्यवस्था अपने आप समाप्त हो जाएगी। यह व्यवस्था एक बार के लिए है।
आपको बताते चलें कि, राज्य में अभी सभी स्तर के कर्मचारियों अधिकारियों को उनके ही वेतनमान में अब तक उच्च पदों का सिर्फ चार्ज दिया जाता रहा है। उन्हें उच्च पदों का वेतनमान नहीं मिलता। अब वेतनमान व अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी।